सरकारी स्कूलों के फेल छात्र NIOS पर निर्भर, 22% सीधे ओपन स्कूलिंग में भेजे गए, पासिंग रेट सिर्फ 30%
दिल्ली सरकार के स्कूलों में नौवीं में फेल हुए 22% छात्रों को एनआईओएस में भेजा गया। शिक्षा मंत्री ने इसे छात्रों को शिक्षा प्रणाली से बाहर होने से बचान ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच शैक्षणिक वर्षों में नौवीं में फेल हुए कुल 3,20,150 छात्रों में से करीब 71,124 छात्रों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) में वैकल्पिक शिक्षा के लिए भेजा गया। इसका मतलब है कि लगभग 22 प्रतिशत फेल छात्र सीधे NIOS सिस्टम में चले गए।
राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान स्वाति मालीवाल द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में ये जानकारी दी गई। मालीवाल ने सवाल किया कि क्या सरकार जानती है कि पिछले दस वर्षों में बड़ी संख्या में फेल छात्रों को एनआईओएस में भेजे जाने के कारण सरकारी स्कूलों में ड्राॅपआउट रेट बढ़ा है।
राज्यसभा में शिक्षा मंत्री जयंत चौधरी ने बताया कि यह कदम छात्रों को शिक्षा प्रणाली से बाहर होने से बचाने और उन्हें आगे पढ़ाई जारी रखने का मौका देने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनआईओएस के जरिए ये छात्र 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद अपने मूल स्कूल में औपचारिक शिक्षा में वापस शामिल हो सकते हैं।
वहीं, नौवीं की तरह 10वीं में भी फेल होने की स्थिति बनी हुई है। दिल्ली शिक्षा निदेशालय के मुताबिक एनआईओएस प्रोजेक्ट के तहत पिछले चार वर्षों में 70 प्रतिशत छात्र 10वीं की परीक्षा में फेल हुए हैं। एनआईओएस प्रोजेक्ट दिल्ली सरकार ने नौवीं और 10वीं में फेल होने वाले छात्रों की संख्या कम करने और ड्रापआउट रोकने के उद्देश्य से शुरू किया था, जिसके तहत कमजोर और फेल छात्रों को एनआइओएस में रजिस्टर कराकर अलग से कक्षाएं कराई जाती हैं।
निदेशालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत 10वीं में वर्ष 2017 में 8,563, वर्ष 2018 में 18,344, वर्ष 2019 में 18,624, वर्ष 2020 में 15,061, वर्ष 2021 में 11,322, वर्ष 2022 में 10,598 और वर्ष 2023 में 29,436 छात्रों का पंजीकरण हुआ। इनमें से परीक्षा पास करने वाले छात्रों की संख्या बेहद कम रही।
वर्ष 2017 में 3,748, वर्ष 2018 में 12,096, वर्ष 2019 में 17,737, वर्ष 2020 में 14,995, वर्ष 2021 में 2,760, वर्ष 2022 में 3,480 और वर्ष 2023 में 7,658 छात्र ही पास हो सके। आंकड़े बताते हैं कि पिछले चार वर्षों में औसतन केवल 30 प्रतिशत एनआईओएस छात्र ही सफल हो पाए।
पिछले पांच वर्ष के दौरान कक्षा नौवीं का आंकड़ा
शैक्षणिक सत्र | कुल फेल छात्र (सभी बोर्ड में) | NIOS में दाखिल कुल छात्र |
| 2020-21 | 31,541 | 11, 322 |
| 2021-22 | 28,548 | 10,598 |
| 2022-23 | 88,421 | 29, 436 |
| 2023-24 | 101, 344 | 7,794 |
| 2024-25 | 70, 296 | 11,974 |
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