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    दिल्ली में अवैध बोरवेल पर NGT सख्त: जल निकासी पर शुल्क न वसूलना गंभीर मामला, DJB और NDMC को सौंपा जिम्मा

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 11:32 PM (IST)

    राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली में अवैध बोरवेल को लेकर सख्ती दिखाई है। जल निकासी पर शुल्क न वसूलने को गंभीर मानते हुए DJB और NDMC को जिम्मेदारी सौंपी गई है। NGT ने अवैध बोरवेल पर कार्रवाई करने और जल संरक्षण पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है।

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    विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। तीन होटल में अवैध बोरवेल से जुड़े मामले पर सुनवाई के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने टिप्पणी की कि किसी भी प्राधिकरण द्वारा जल निकासी के बदले कोई शुल्क नहीं लेना गंभीर मामला है और ट्रिब्यूनल इस पर विचार करेगा। एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी तब की कि जब दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने पीठ काे सूचित किया कि दिल्ली में किसी भी परियोजना से भूमिगत जल निकासी शुल्क नहीं वसूला जाता।

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    डीजेबी ने बताया कि केवल अतिरिक्त सीवर शुल्क लिया जाता है क्योंकि जल निकासी की सटीक मात्रा मापने का कोई तरीका नहीं है। वहीं, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने भी बताया कि किसी से जल निकासी शुल्क नहीं वसूलते और निकासी की मात्रा का भी अनुमान नहीं है।

    इस दौरान एनजीटी ने डीजेबी और नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) के जवाब को रिकार्ड पर लिया। एनडीएमसी ने एनजीटी में कहा कि ललित होटल में एक बोरवेल सील किया गया है, जबकि दो के संबंध में होटल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    वहीं, डीजेबी ने एनजीटी को सूचित किया कि होटल सूर्या में मौजूद दो बाेरवेल के उपयोग की अनुतमि शर्तों के साथ जिला स्तरीय एडवाइजरी कमेटी (डीएलएसी) ने दी थी। इसमें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा निर्धारित पर्यावरण मुआवजा भी शामिल है। साथ ही यह भी बताया कि होटल सिद्धार्थ में जांच में पाया गया कि परिसर में कोई बोरवेल नहीं है।

    वहीं, एनडीएमसी ने बताया कि नौ अक्टूबर ललित होटल में तीन होटल पाए गए और इनमें से एक को सील किया गया, जबकि शेष दो बोरवेलों की जल आवश्यकता का आकलन करने और स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया गया।

    उक्त तथ्यों को देखते हुए एनजीटी ने डीजेबी को फील्ड डिवीजनों को मासिक निगरानी करने एवं डीपीसीसी के साथ समन्वय कर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति तय करने का निर्देश दिया है। वहीं, एनडीएमसी को मामले पर शीघ्र निर्णय लेने और डीएलएसी के निर्णयानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

    अदालत ने रिकाॅर्ड पर लिया कि इसी से जुड़े पहाड़गंज होटल व गेस्ट हाउस में अवैध भूजल दोहन का मामला पांच दिसंबर के लिए सूचीबद्ध है। इस पर पीठ ने मामले की सुनवाई पांच दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दी। एनजीटी ने उक्त आदेश व टिप्पणी आवेदनकर्ता शैलेश सिंह के आवेदन पर की।

    अवैध भूजल दोहन की करें जांच

    कमला नगर एवं रूप नगर सहित अन्य इलाकों में 11 स्थानों पर अवैध भूजल दोहन से जुड़े एक अन्य मामले में मामले की जांच करने का निर्देश देते हुए एनजीटी ने आवेदन का निपटारा कर दिया।एनजीटी ने डीजेबी अध्यक्ष को आवेदन में की गई शिकायत पर विचार कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एनजीटी ने कहा कि आवेदन में दिए गए स्थानों का क्षेत्र निरीक्षण कराएं और अगर अवैध बोरवेल संचालन पाया जाता है तो उचित कार्रवाई करें।

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