शीशमहल की बदहाल स्थिति पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : बाहरी दिल्ली के शालीमार बाग क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक शीशमहल क
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : बाहरी दिल्ली के शालीमार बाग क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक शीशमहल की बदहाल स्थिति पर हाई कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी कर जवाब मागा है। अगली सुनवाई 13 फरवरी 2018 को होगी।
याचिकाकर्ता के अनुसार जहा शीशमहल है, मास्टर प्लान 2021 के तह वह जगह ग्रीन बेल्ट एरिया घोषित हो चुकी है। इसके बावजूद वहां अतिक्रमण हो रहा है। रखरखाव के अभाव के चलते शीशमहल जर्जर हो गया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि शीशमहल की सुरक्षा के लिए 2.9 करोड़ व रखरखाव के लिए 1.44 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
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मुगल बादशाह शाहजहां ने कराया था शीशमहल का निर्माण
मुगल बादशाह शाहजहा मुमताज महल की तरह अन्य बेगमों को भी बेइंतहा प्यार करते थे। उन्होंने बेगम एजुनिशा को बतौर प्यार की निशानी शीशमहल भेंट किया था। वर्ष 1653 में निर्मित शीशमहल आज जीर्णशीर्ण अवस्था में है। यहा से कीमती पत्थर तक चोरी होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
औरंगजेब की ताजपोशी का है गवाह
शाहजहा के बेटे औरंगजेब को यह शीशमहल इतना पसंद था कि उसने अपनी ताजपोशी के लिए इसे ही चुना था। शीशमहल में शाहजहा गर्मियों में बेगमों के साथ रहने के लिए आते थे। इसके बाद औरंगजेब ने भी इसे पसंदीदा आरामगाह के रूप में विकसित किया। औरंगजेब ने लालकिला से शीशमहल तक गुप्त रूप से आने-जाने के लिए 20 किलोमीटर लंबी सुरंग बनवाई थी। वर्षो पहले सुरंग धंस कर तहस-नहस हो गई।
फव्वारे लगाते थे चार चांद
मुगल सम्राट शीशमहल में कभी दरबार लगाते थे। महल की दीवारों पर सुंदर नक्काशी, हस्तकला व शिल्पकारी और चित्रकारी हुई थी। यहा एक हाथीखाना व खूबसूरत बगीचा था। महल का निर्माण लाल व भूरे रंग के पत्थरों से किया गया था। यहा हमाम में 25 फव्वारे थे, जोकि इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते थे।