'युवा नौकरी लेने के बजाय देने वाले बनें', बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम में बोलीं सीएम आतिशी
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने Business Blasters Senior Program की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की Universities ITIs के छात्र इस खास कार्यक ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। अभिभावक बच्चों को छोटी उम्र से ही पढ़ने और डिग्री पाकर अच्छी नौकरी पाने का सुझाव देते हैं। जिससे युवा दिमाग उद्यमिता के क्षेत्र में जाने की नहीं सोच पाते। युवा स्नातक के बाद नौकरी लेने की कतार में लगने के बजाय इसे देने वाले बनें, इसी मकसद से बिजनेस ब्लास्टर सीनियर्स की शुरुआत की गई है।
स्टार्टअप के लिए मिलेगी 50 हजार की सीड मनी
इसके तहत दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालयों और आईटीआई के छात्रों को स्टार्टअप के लिए 50 हजार रुपये की सीड मनी दी जाएगी। इससे युवा उद्यमी आगे आएंगे और भविष्य में नौकरी की संभावनाएं बढ़ेंगी। मुख्यमंत्री आतिशी ने ओखला फेज-3 स्थित इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) में मंगलवार को बिजनेस ब्लास्टर सीनियर प्रोग्राम का शुभारंभ के दौरान ये कहा।

2021 में 11वीं व 12वीं के लिए शुरू हुआ था बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम
सीएम ने कहा कि स्कूली छात्रों को उद्यमी बनाने के प्रयास करते हुए साल 2021 में 11वीं व 12वीं के लिए बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम शुरू हुआ था, जिसके जरिये कई छात्र स्टार्टअप शुरू कर बेहद कम उम्र में उद्यमी बन चुके हैं।
आईआईआईटी के निदेशक प्रो. रंजन बोस ने कहा, "हुनरमंद युवाओं की काफी मांग है। इस तरह के कार्यक्रम उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में कारगर साबित होंगे।" कार्यक्रम के समापन पर प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ओपी शुक्ला ने सभी का आभार जताया।
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‘फंड न मिलता तो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता’
एक ब्लाइंड टीचर को देखकर मुझे कुछ करने का विचार आया और फंडिंग से मैने ब्लाइंड स्टिक बनाई थी। हालांकि इसके बाद थ्रीडी प्रिंटिंग से जुड़ा स्टार्टअप शुरू किया। नोवानिकथ्रीडीडी प्राइवेट लिमिटेड मेरी कंपनी है और अगले पांच साल में भारत को खुद का थ्रीडी प्रिंटर तैयार करना चाहता हूं। ये फंडिंग न मिलती तो मैं आज प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगा होता।
आरोग्यम स्टार्टअप से आगे बढ़ना सीखा: अभिरुचि
आरोग्यम मेरा स्टार्टअप है, जिसे 2021 में मिले फंड से शुरू किया। 50 हजार आइडिया में से जब 1000 में मेरा प्रोजेक्ट चयनित हुआ तो आत्मविश्वास बढ़ा। शुरुआत में ग्राहक जोड़ना दिक्कत थी। इसके लिए सीधे संवाद किया और फीडबैक लेकर सुधार किए। हेल्थ एंड न्यूट्रिशन से जुड़े इस स्टार्ट अप को स्थापित करने के दौरान मैने काफी कुछ सीखा।
आत्मविश्वास और संवाद सफलता का मंत्र: दिव्यांशी
स्कूल में शिक्षिका के कहने पर मैंने स्टार्टअप के लिए प्रेजेंटेशन दी। शुरुआत मैने परंपरागत पेंटिंग के स्टार्टअप से की थी। लेकिन एक साल पहले पुराने मोबाइल फोन खरीदने और बेचने से जुड़ा मोबिसाइट स्टार्ट अप भी शुरू किया है। 11वीं में मैने स्टार्ट अप शुरू किया इस दौरान सही फैसला लेना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन आत्मविश्वास और संवाद सफलता का मंत्र है। आगे भी बेहतर होगा, यही आशा है।

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