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बाबा हरदेव की बेटी का सनसनीखेज आरोप, पति ने की हजारों करोड़ की ठगी

दो साल पहले कनाडा में हुए सड़क हादसे में जान गंवाने वाले निरंकारी मिशन के बाबा हरदेव सिंह के कुनबे में घमासान मचा हुआ है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 12:35 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 06:05 PM (IST)
बाबा हरदेव की बेटी का सनसनीखेज आरोप, पति ने की हजारों करोड़ की ठगी
बाबा हरदेव की बेटी का सनसनीखेज आरोप, पति ने की हजारों करोड़ की ठगी

नई दिल्ली (जेएनएन)। दो साल पहले कनाडा में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले निरंकारी मिशन के बाबा हरदेव सिंह के कुनबे में घमासान मचा हुआ है। हरदेव सिंह की बड़ी बेटी समता ने अपने पति संदीप खिंड़ा पर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का आरोप लगाया है।

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समता का कहना है कि इसके लिए उनके डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया गया। इस फर्जीवाड़े के बाबत समता ने दिल्ली के वसंत कुंज स्थित पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई है। हरदेव सिंह की 13 मई 2016 को कनाड़ा में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। यह इत्तेफाक ही है कि उस वक्त संदीप उनके साथ कार में ही था। जानकारी के मुताबिक, संदीप खिंड़ा बाबा हरदेव सिंह का बड़ा दामाद है, बावजूद इसके निरंकारी मिशन की एग्जीक्यूटिव बॉडी में संदीप खिंड़ा का कोई स्थान नहीं है।

वहीं, समता की पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, उन्होंने अपने पति संदीप खिंड़ा और वरुण और सूरज पर इतनी बड़ी रकम की ठगी करने का आरोप लगाया है। समता का कहना है कि इसके लिए पति संदीप ने डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया। समता ने बताया कि उन्होंने डिजिटल सिग्नेचर के लिए कभी आवेदन ही नहीं किया था और हैरानी की बात है कि कंपनी ने उनके डिजिटल सिग्नेचर बना दिए। 

पुलिस को दी गई शिकायत के बाद दर्ज एफआइआर में संदीप, उसके पिता बलदेव सिंह, जालंधर के कुलविंदर सिंह, दिल्ली के रहने वाले कंपनी सेक्रेटरी अनुज गुप्ता, गुड़गांव निवासी कंपनी सेक्रेटरी रासू शर्मा, सिफी टेक्नोलॉजी लिमिटेड के चेयरमैन, कंपनी के कर्मचारी आलोक सक्सेना और हिमांशु कपूर का नाम है।

यह है समता का आरोप

पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, पति संदीप ने जैन फ्लोरीकल्चर लिमिटेड (जेएफएल) नाम की एक कंपनी खरीदी थी, इसमें मुझसे करोड़ों रुपये निवेश भी करवाए। समता का आरोप है कि कंपनी में 100 फीसद शेयर मेरे थे। बावजूद इसके संदीप ने उनके फर्जी डिजिटल सिग्नेचर से इन्हें अपने नाम करवा लिया। वहीं, समता ने डिजिटल सिग्नेचर वेरीफाई करने वाली कंपनी सिफी टेक्नोलॉजी पर भी मामला दर्ज कराया है। 

बता दें कि 13 मई, 2016 को संत निरंकारी मंडल के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की अमेरिका के न्यूयार्क से कनाडा के मॉन्टि्रयल शहर जाने के दौरान सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। बाबा अपने दोनों दामाद संदीप खिंड़ा व अवनीत सेतिया के अलावा विवेक शर्मा के साथ कार से एक भक्त से मिलने जा रहे थे। मॉन्टि्रयल से करीब 40 किमी पहले टायर फटने से उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई और अस्पताल में इलाज के दौरान निरंकारी बाबा का निधन हो गया। 

सविंदर कौर से की थी शादी
बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी, 1954 को दिल्ली में हुआ था। 1980 में पिता की मौत के बाद उन्हें निरंकारी मंडल का मुखिया बनाया गया था। इसके पूर्व वह 1971 में निरंकारी सेवा दल में शामिल हुए थे। 1975 में उन्होंने फर्रुखाबाद की सविंदर कौर से शादी की थी।

1929 में निरंकारी मिशन की हुई स्थापना
संत निरंकारी मिशन की 1929 में स्थापना हुई थी। इस मिशन की 27 देशों में 100 शाखाएं चल रही हैं। भारत में भी तकरीबन हर राज्यों में लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं। बाबा हरदेव सिंह को विश्व में मानवता की शांति के लिए कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ भी सम्मानित कर चुका है। निरंकारी मंडल की ओर से बुराड़ी स्थित मैदान में हर साल नवंबर में वार्षिक समागम का आयोजन किया जाता है। इसमें भारत समेत दुनिया भर के लाखों भक्त भाग लेते हैं।

जानें कौन थे बाबा हरदेव सिंह निरंकारी
संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी, 1954 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली के संत निरंकारी कॉलोनी स्थित रोजेरी पब्लिक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। उसके बाद 1963 में उन्होंने पटियाला के बोर्डिंग स्कूल यादविंद्र पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने 1971 में एक सदस्य के रूप में निरंकारी सेवा दल ज्वॉईन कर लिया। 1975 में एक वार्षिक निरंकारी संत समागम के दौरान दिल्ली में उनकी शादी सविंदर कौर से हुई। अपने पिता की मौत के बाद 1980 में वे संत निरंकारी मिशन के मुखिया बने। उन्हें सतगुरू की उपाधि दी गई। 1929 में बाबा बूटा सिंह द्वारा संत निरंकारी मिशन की स्थापना की गई थी।


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