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    दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ की चेतावनी जारी; सतर्कता और निगरानी पर फोकस

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 08:43 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी वर्षा के चलते दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। लोहा पुल के पास जलस्तर 205.25 मीटर दर्ज किया गया है। निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। यमुना के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

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    दिल्ली में खतरे के निशान के पास पहुंचा यमुना का पानी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही वर्षा से दिल्ली में यमुना का पानी बढ़ रहा है। यह खतरनाक स्तर 205.33 के नजदीक पहुंच गया है। शुक्रवार शाम आठ बजे लोहा पुल के पास जलस्तर 205.25 मीटर था।

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    इसी तरह से पानी बढ़ता रहा तो देर रात या शनिवार सुबह तक यह खतरे के निशान को पार कर सकता है। इससे दिल्ली के निचले क्षेत्रों में पानी भरने का खतरा है। इसे ध्यान में रखकर सतर्कता व निगरानी बढ़ा दी गई है। 206 मीटर जलस्तर होने पर निचले क्षेत्र को खाली कराया जाता है।

    हरियाणा के यमुना नगर स्थित हथनी कुंड से पहले प्रति घंटे अधिकतम 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, लेकिन बृहस्पतिवार से इसमें वृद्धि हो गई है। प्रति घंटे 40 से लेकर 65 हजार क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा है।

    दिल्ली में हो रही वर्षा से भी पानी यमुना में पहुंच रहा है जिससे इसका जलस्तर बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह नौ बजे तक लोहा पुल के पास जलस्तर 204 मीटर से नीचे था। उसके बाद यह बढ़ने लगा शाम चार बजे यह 204 मीटर के ऊपर चला गया।

    इस मानसून में पहली बार आठ अगस्त को यमुना का पानी चेतावनी स्तर के ऊपर 204.15 मीटर पहुंचा था। उसके बाद से इसमें गिरावट आ रही थी। शुक्रवार को दूसरी बार इतना पानी बढ़ा है। इसे ध्यान में रखकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।

    दिल्ली में यमुना और जलभराव की निगरानी के लिए 24 घंटे काम करने वाला मुख्य नियंत्रण केंद्र बनाया गया है। इसके साथ ही 15 और निगरानी केंद्र हैं।

    अधिकारियों का कहना है कि लोगों को नदी से दूर रहने को कहा जा रहा है। दिल्ली में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए ओखला बैराज से अधिक पानी लगभग 44 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।