दिल्ली सरकार ने यमुना में मछली पकड़ने पर लगाया प्रतिबंध, नहीं मानने पर की जाएगी कार्रवाई
दिल्ली सरकार ने नदी में उच्च प्रदूषण स्तर का हवाला देते हुए शहर में यमुना के कुछ हिस्सों में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंगलवार को इस आशय की ...और पढ़ें

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार ने नदी में उच्च प्रदूषण स्तर का हवाला देते हुए शहर में यमुना के कुछ हिस्सों में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंगलवार को इस आशय की सार्वजनिक सूचना भी जारी कर दी गई। मालूम हो कि कुछ दिनों से इंटरनेट मीडिया पर नदी की सतह पर तैरते जहरीले झाग के दृश्य शेयर किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार साबुन और डिटर्जेंट यमुना में प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारकों में शामिल हैं।
दिल्ली के पशुपालन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जाता है कि यमुना के पानी में उच्च प्रदूषण के स्तर को देखते हुए, नियमों में किए गए प्रावधानों के अनुसार, सार्वजनिक जल के दो हिस्सों में मछली पकड़ने का लाइसेंस जारी करना अगले आदेश तक निलंबित है।
इन इलाकों में मछली पकड़ने पर बैन
हिंडन नहर, गाजीपुर नाले, शादीपुर नाले (सड़क नाले 0 से 17,000), यमुना नदी के एक हिस्से में ग्रोयन नंबर 85 (डाउनस्ट्रीम), न्यू ओखला बैराज से दिल्ली सीमा तक मछली पकड़ने पर रोक रहेगी। इसमें कहा गया है, अब से किसी भी तरह से मछली पकड़ने का काम नहीं किया जाएगा और कोई भी उल्लंघन भारतीय मत्स्य पालन अधिनियम 1987 के तहत दंडनीय होगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अधिकारी के मुताबिक, यमुना में जहरीले झाग के बनने का प्राथमिक कारण अपशिष्ट जल में उच्च फॉस्फेट सामग्री है क्योंकि डिटर्जेंट का उपयोग रंगाई उद्योगों, घरों और ''धोबी घाटों'' में किया जाता है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो के नवीनतम मानकों के अनुरूप साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण, परिवहन और विपणन पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।
बता दें कि यमुना में प्रदूषण बढ़ने की वजह से जहरीले झाग देखे गए हैं। प्रदूषण की वजह से दिल्ली में पेयजल आपूर्ति भी बाधित हो जाती है।

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