Delhi Flood: यमुना खादर में पानी और कम होने के इंतजार में पीड़ित, राहत शिविरों में रह रहे 6000 से ज्यादा लोग
पूर्वी दिल्ली में यमुना खादर से बाढ़ का पानी घटने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं। लोग अभी भी राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं बच्चों की पढ़ाई बाधित है। उस्मानपुर गढ़ी मेंढू और बदरपुर खादर गांवों में लोग गाद से परेशान हैं और बिजली आपूर्ति बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं। सांसद मनोज तिवारी और विधायक रविकांत ने राहत शिविरों का दौरा किया।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। यमुनापार में भले ही बाढ़ का खतरा अब नहीं है। लेकिन, यमुना खादर में रहने वाले लोग पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं। खादर में जगह-जगह पानी भरा हुआ है। लोग अपनी झुग्गियों में नहीं जा पा रहे हैं। हालात यह है कि राहत शिविरों में रह रहे बच्चों ने स्कूल जाना शुरू नहीं किया है। उनके स्वजन का कहना है कि स्कूल की वर्दी व कापी कीताबे सामान में दबी हुई हैं।
मयूर विहार फेज-एक, डीएनडी, एनएच-नौ, पुराना लोहापुल के पास बने राहत शिविरों में छह हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। वह इंतजार कर रहे हैं कब खादर से पानी खत्म होगा और वह अपनी झुग्गियों में जाएंगे। कुछ क्षेत्र में पानी कम हो गया है, लेकिन वहां जाने वाले रास्तों पर पानी भरा हुआ है। टेंट में पंखों की व्यवस्था नहीं है, यहां रहने वाले लोग बैटरी से पंखे चला रहे हैं।
जांच के बाद ही बिजली आपूर्ति होगी बहाल
उस्मानपुर, गढ़ी मेंढू व बदरपुर खादर गांव में लोग साफ सफाई में जुटे हुए हैं। गाद लोगों के लिए चुनौती बनी हुई है। तीनों गांव में अभी लाइट नहीं है तो पानी की मोटर भी नहीं चल रही है। ऐसे में किसी तरह से वह वाइपर व झाड़ू से गाद को हटा रहे हैं। पीने का पानी वह राहत शिविरों से भरकर ला रहे हैं।
लोग बिजली का इंतजार कर रहे हैं। बिजली कंपनी बीएसईएस का कहना है कि अभी पानी पूरी तरह से उतरा नहीं है। कई दिनों तक ट्रांसफार्मर व तार पानी में डूबे रहे। उपकरण सूख रहे हैं।
इसके बाद जांच की जाएगी उपकरण ठीक है। कहीं से कोई बिजली लाइन शाट तो नहीं हो गई है। उसके बाद ही बिजली आपूर्ति शुरू की जाएगी। इसमें अभी दो तीन दिन का समय लगेगा।
सांसद व जिला विकास समिति चेयरमैन ने राहत शिविर का किया निरीक्षण
उत्तर पूर्वी जिले के सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को राहत शिविरों का निरीक्षण किया। वह सिग्नेचर ब्रिज, शास्त्री पार्क और उस्मानपुर के शिविरों में गए। सांसद मनोज तिवारी ने कहा की इस बार बाढ़ का कहर काफी था। दिल्ली सरकार की तैयारी भी थी। सरकार तट पर ना होती तो बाढ़ से नुकसान अधिक होता।
पीड़ितों को जो भी सहायता अपेक्षित थी उससे आगे बढ़ाकर सरकार ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया हरियाणा से छोड़ा गया पानी यमुना नदी की सफाई की वजह से दिल्ली में बाढ़ का रूप नहीं ले पाया रात दिन सरकार और कर्मचारियों का समन्वय और परस्पर सहयोग से बिना बाढ़ के हरियाणा से दिल्ली होते हुए आगे पानी निकल गया।
इस मौके पर जिलाधिकारी अजय कुमार, एसडीएम नितेश रावत, विधायक अजय महावर, जिलाध्यक्ष डा. यूके चौधरी, पार्षद रेखा रानी मौजूद रहे। पूर्वी दिल्ली जिला विकास समिति के अध्यक्ष एवं त्रिलोकपुरी के विधायक रविकांत ने मयूर विहार फेज-एक में राहत शिविरों का निरीक्षण किया। वह पीड़ितों से मिले और उनकी समस्याओं को सुना। उनके साथ अतिरिक्त जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल, मयूर विहार एसडीएम संजय कुमार, भाजपा मयूर विहार जिलाध्यक्ष विजेंद्र मौजूद रहे।
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