Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाआरती से जगमगाया यमुना का कुदेसिया घाट, भक्ति के रंग में सराबोर हुए भक्त

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sun, 22 Oct 2017 07:15 AM (IST)

    अनिल बैजल ने आरती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रकृति प्रदत्त जो भी चीजें हमें जीवनदान देती हैं, हमारे पूर्वजों ने आरती जैसे माध्यमों से उसका सम्मान करना सिखाया।

    महाआरती से जगमगाया यमुना का कुदेसिया घाट, भक्ति के रंग में सराबोर हुए भक्त

    नई दिल्ली [जेएनएन]। यम द्वितीया व भैया दूज पर आयोजित सांध्य महाआरती से यमुना किनारे का कुदेसिया घाट जगमगा उठा। धूप-अगरबत्ती की आती खुशबू और आरती के शब्दों से पूरा घाट अध्यात्म और भक्ति के रंग में सरोबार हो गया। भक्त यमुना घाट का यह अद्भुत नजारा देखकर अभिभूत थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दोपहर बाद से ही यमुना घाट पहुंचने लगे श्रद्धालु

    यमुना महासभा की ओर से आयोजित महाआरती में पंडित चंद्रमणि मिश्र की अगुवाई मे 21 ब्राह्माणों ने विधि विधान से यमुना की आरती उतारी। बड़ी संख्या में यमुना भक्त भी आरती का थाल लेकर आरती उतारते दिखे। इस मौके का गवाह बनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु दोपहर बाद से ही यमुना घाट पहुंचने लगे थे।

    उपराज्यपाल अनिल बैजल हुए शामिल 

    उपराज्यपाल अनिल बैजल यमुना आरती में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी ने की तो चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा भी उपस्थिति रहीं।

    हमारे पूर्वजों सम्मान करना सिखाया

    अनिल बैजल ने आरती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रकृति प्रदत्त जो भी चीजें हमें जीवनदान देती हैं, हमारे पूर्वजों ने आरती जैसे माध्यमों से उसका सम्मान करना सिखाया। उन्होंने यमुना भक्तों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे यमुना की सफाई और घाटों को दुरुस्त कराने में लगे हुए हैं। एक-डेढ़ साल में इसका परिणाम दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि कुदेसिया घाट पर प्रकाश और मूलभूत जरूरतों की जल्द व्यवस्था की जाएगी।

    यमुना घाटों की बदलेगी तस्वीर 

    इस मौके पर यमुना महासभा के चंद्रमणि मिश्र ने बताया कि तीन साल से यमुना आरती का आयोजन प्रतिदिन हो रहा है। यह कोशिश जीवनदायिनी रही यमुना से दिल्ली वालों का आत्मिक संबंध जोड़ने का प्रयास है। उन लोगों के प्रयासों से इस घाट की तस्वीर बदली है। मलबे के ढेर की जगह नरम घास और कतारबद्ध पौधों ने ली है। इस तरह की तस्वीर सभी यमुना घाटों की करने की जरूरत है। 

    यह भी पढ़ें: छठ पर्व को लेकर गरमा रही है दिल्ली की सियासत, आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

    यह भी पढ़ें: 'छठ पर सियासत न करें केजरीवाल, पूर्वांचल के लोगों की भावनाएं समझे सरकार'