हाथ से लेकर नाक तक से खटाखट टाइपिंग कर बनाया विश्व रिकॉर्ड
विनोद ने बताया कि वह 19 वर्षों से टाइपिंग कर रहे हैं। उन्होंने झंडेवालान मंदिर के पास स्थित सेवा भारती केंद्र से टाइपिंग सीखी।
नई दिल्ली [रितु राणा]। हौंसले बुलंद हैं आसमां छूना है कुछ कर दिखाना है, जी हां हौंसले बुलंद हो तो व्यक्ति क्या नहीं कर सकता.....इस बात को सिद्ध करते हैं, नांगलोई में रहने वाले 40 वर्षीय विनोद कुमार चौधरी। विनोद ने टाइपिंग में अपने नाम आठ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराए हैं। 2014 से लेकर अब तक माउथ स्टिक टाइपिंग (होंठ से पेन पकड़कर), एक हाथ से टाइपिंग, एक उंगली से टाइपिंग व आंख बंद करके सबसे तेज टाइपिंग करने में विनोद विश्व में अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने टाइपिंग में आठ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं।
सपना था सरकारी नौकरी और फौज में भर्ती होकर देश सेवा करना
विनोद ने बताया कि वह 19 वर्षों से टाइपिंग कर रहे हैं। उन्होंने झंडेवालान मंदिर के पास स्थित सेवा भारती केंद्र से टाइपिंग सीखी। सरकारी नौकरी और फौज में सिपाही बनकर देश सेवा करना उनका सपना था, लेकिन लंबाई कम होने के कारण उनका फौज में जाने का सपना पूरा न हो सका। लेकिन विनोद ने कुछ कर गुजरने की ठान ली, विनोद ने टीवी में देखा था कि खुर्शीद हुसैन नाम के एक भारतीय ने नाक से टाइपिंग करने में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है, उनसे प्रेरित होकर ही विनोद ने लगातार टाइपिंग की और 2014 में उनका रिकॉर्ड तोड़कर यह खिताब अपने नाम किया। वर्तमान में विनोद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पर्यावरण संस्थान में कॉन्ट्रेक्ट पर कार्यरत हैं।
नाक से टाइपिंग का सबसे अद्भुत रिकॉर्ड
विनोद ने टाइपिंग में पूरे विश्व में सबसे अधिक रेकॉर्ड बनाकर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज तो कराया ही है, साथ ही उनके द्वारा नाक से टाइपिंग करने का रेकॉर्ड सबसे अद्भुत है। जहां कुछ लोगों को हाथों से भी टाइपिंग करने में दिक्कत महसूस होती है वहीं, नाक से टाइपिंग करके विनोद ने एक चौकाने वाला काम किया है। 2014 में अपना सबसे पहला रिकॉर्ड नाक से टाइपिंग करने का बनाया था, जिसमें उन्होंने 46.30 सेकेंड में सबसे तेज टाइपिंग करने का रेकॉर्ड अपने नाम किया जिसे आजतक कोई नहीं तोड़ पाया है। विनोद को वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी लंदन से पीएचडी की उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है और हाल में उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनियन के द्वारा सम्मानित भी किया गया है।
एथलीट भी रह चुके हैं विनोद
विनोद स्कूल स्तर पर 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं, स्कूल के बाद कुछ विषम परिस्थितियों के चलते उन्होंने स्पोर्ट्स छोड़ दिया और छोटी-मोटी नौकरी करने लगे। लेकिन, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और 2018 में मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारी करने लगे और अभ्यास के दौरान उन्होंने 100 मीटर की दौड़ लगभग 11 पॉइंट 5 सेकेंड में तय कर ली थी लेकिन लीवर में दिक्कत होने के कारण डॉक्टर व परिवार की सलाह पर उन्होंने एथलेटिक की तैयारी बीच में ही छोड़ दी। जिसका मलाल उन्हें आज तक है। विनोद की तीन बेटियां हैं, वह अब अपना सपना अपने बच्चों के जरिये पूरा करना चाहते हैं, वह उन्हें रोजाना सुबह दौड़ की तैयारी कराते हैं।
जरूरतमंत बच्चों को दे रहे निःशुल्क टाइपिंग प्रशिक्षण
विनोद अपने खाली समय में कुछ बच्चों को अपने घर पर ही टाइपिंग और कंप्यूटर की प्रशिक्षण देते हैं। वहीं, वह जरूरतमंद व दिव्यांग बच्चों से कोई शुल्क नहीं लेते हैं। इसके अलावा पुलिस व फौज में भर्ती होने के इच्छुक जरूरतमंद बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार भी करते हैं, उनके द्वारा सिखाए हुए बच्चे अब तक कई सरकारी संस्थानों में भर्ती हो चुके हैं।
सरकारी स्कूल में पढ़ाकर, जरूरतमंत बच्चों को बनाना चाहते हैं आत्मनिर्भर
विनोद कहते हैं कि उनकी इच्छा है दिल्ली सरकार उन्हें किसी सरकारी स्कूल में नौकरी दे, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार कर उन्हें आत्मनिर्भर बना सके। विनोद का सपना विश्व स्तर पर उसैन बोल्ट जैसा बन भारत का नाम रोशन करना है।
ये आठ रिकॉर्ड विनोद के नाम हैं दर्ज
- 2014 - सबसे पहला रिकॉर्ड नाक से टाइपिंग करने का, 46.30 सेकेंड
- 2016 - एक हाथ से सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड, 6.9 सेकंड
- 2016-आंख बंद करके सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड, 6.71 सेकंड
- 2017- होंठ से पेन पकड़कर सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड, 18.65 सेकंड
- 2018- होंठ से पेन पकड़कर सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड, 17. 69 सेकंड
- 2018- एक उंगली से सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड- 29.53 सेकंड
- 2019- एक उंगली से सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड- 21. 69 सेकंड
- 2019-होंठ से पेन पकड़कर सबसे तेज टाइपिंग का रिकॉर्ड, 17.01 सेकंड