विश्व अंगदान दिवस: जीवित अंगदान के मामले में दिल्ली-NCR सबसे आगे, क्या कहती है NOTTO की रिपोर्ट?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर जीवित अंगदान में सबसे आगे है। यहाँ 4275 अंगदान हुए हैं। तमिलनाडु महाराष्ट्र केरल और बंगाल भी शीर्ष पांच में शामिल हैं। अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता को देखते हुए सरकार एसओटीटीओ के गठन पर जोर दे रही है। एक व्यक्ति अंगदान करके आठ लोगों की जान बचा सकता है।

मुहम्मद रईस, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की ओर से दो अगस्त को जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक जीवित अंगदान के मामले में दिल्ली-एनसीआर सबसे आगे है।
दिल्ली में जहां 4275 जीवित अंगदान किए गए, वहीं 1833 अंगदान के साथ तमिलनाडु दूसरे पायदान पर है। इनके अलावा महाराष्ट्र, केरल और बंगाल ने भी शीर्ष पांच में स्थान बनाया है।
एनओटीटीओ के मुताबिक महाराष्ट्र में 1493, केरल में 1376 और बंगाल में 1021 जीवित अंगदान हुए हैं। हर साल हजारों लोग अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा करते हैं।
इस तात्कालिक आवश्यकता के बावजूद प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षारत रोगियों और उपलब्ध डोनर की संख्या के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है।
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को एक समर्पित राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एसओटीटीओ) के गठन का निर्देश दिया गया है, ताकि इस अंतर को कम किया जा सके।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने भी एसओटीटीओ के गठन की कवायद में जुटने की बात कही है।
दरअसल, दिल्ली में न केवल टर्सरी केयर सेंटर बहुतायत में हैं, बल्कि यहां आस-पास के राज्यों से रेफर मरीज भी पहुंचते हैं।
ब्रेन डेड मरीजों के स्वजन की काउंसलिंग कर अंगदान के लिए तैयार करना और दान होने वाले अंगों को स्टोर करने के साथ ही जरूरतमंद मरीज तक पहुंचाने के लिए उचित प्लेटफार्म की जरूरत है। राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन इसके लिए कारगर प्लेटफार्म साबित होगा।
एक अंगदान से बच सकती है आठ लोगों की जान
भारत में अंगदान की दर जनसंख्या के अनुपात में एक प्रतिशत से भी कम है। वर्तमान में 63,000 से ज्यादा लोगों को किडनी और लगभग 22,000 लोगों को लिवर प्रत्यारोपण की जरूरत है।
वर्ष 2024 में देश में 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण किए गए, जो एक वर्ष में दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है।
यह वर्ष 2013 में हुए 5,000 से कम प्रत्यारोपण का लगभग चार गुना है। वर्ष 2023 में आधार आधारित राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन की आनलाइन प्रतिज्ञा वेबसाइट शुरू होने के बाद से अब तक 3.30 लाख से अधिक नागरिकों ने अंगदान का संकल्प लिया है।
एम्स में आर्गन रेट्रिवल बैंकिंग आर्गेनाइजेशन (ओआरबीओ) की प्रमुख डा. आरती विज के मुताबिक एक व्यक्ति हृदय, फेफड़े, यकृत, गुर्दे, अग्नाशय और आंतें दान करके 8 लोगों की जान बचा सकता है। वहीं ऊतक दान के माध्यम से अनगिनत जीवन के काम आ सकते हैं।
राज्य | जीवित अंगदान |
---|---|
दिल्ली एनसीआर | 4275 |
तमिलनाडु | 1833 |
महाराष्ट्र | 1493 |
केरल | 1376 |
बंगाल | 1021 |
(स्त्रोत-राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन)
पिछले एक दशक में प्रत्यारोपण व जीवित प्रत्यारोपण
वर्ष -कुल प्रत्यारोपण - जीवित प्रत्यारोपण
2023 -18,378 -15,435
2022 -16,041 -13,338
2021 -12,259 -10,638
2020 -7,443 -6,457
2019 -12,666 -10,604
2018 -10,340 -8,085
2017 -9,539 -7,429
2016 -9,022 -6,756
2015 -8,348 -6,689
2014 -6,916 -5,886
2013 -4,990 -4,153
(स्त्रोत-राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन)
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