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    World Cancer Day: कोरोना महामारी से उपचार में देरी होने से एडवांस स्टेज में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

    By Pradeep ChauhanEdited By:
    Updated: Fri, 04 Feb 2022 02:28 PM (IST)

    World Cancer Day कैंसर के इलाज में मरीज के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण होता है। कैंसर की बीमारी जितनी जल्दी पकड़ में आए और इलाज भी तुरंत शुरू हो जाए तो परिणाम बेहतर होता है। लेकिन कोरोना महामारी कैंसर के इलाज में आड़े आ रही है।

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    World Cancer Day: मरीजों की बीमारी शुरुआती स्टेज में थी अब वे तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच गई है।

    नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। World Cancer Day: कैंसर के इलाज में मरीज के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण होता है। कैंसर की बीमारी जितनी जल्दी पकड़ में आए और इलाज भी तुरंत शुरू हो जाए तो परिणाम बेहतर होता है। लेकिन, कोरोना महामारी कैंसर के इलाज में आड़े आ रही है। स्थिति यह है कि शुरुआती चरण के कैंसर से पीडि़त अनेक मरीजों की बीमारी इलाज में देरी के कारण एडवांस स्टेज में पहुंच गई है।

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    इस वजह से पहले के मुकाबले अभी अस्पतालों में एडवांस स्टेज के कैंसर के साथ मरीज अधिक पहुंच रहे हैं जिसे चिकित्सक कैंसर की बीमारी का स्टेज माइग्रेशन कह रहे हैं। इस वजह से कैंसर के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है। एम्स कैंसर सेंटर के मेडिकल ओंकोलोजी के एडिशनल प्रोफेसर डा. अजय गोगिया ने कहा कि कोरोना से पहले कैंसर से पीडि़त करीब 70 प्रतिशत मरीज तीसरे और चौथे स्टेज में इलाज के लिए पहुंचते थे। 30 प्रतिशत मरीज शुरुआती स्टेज (स्टेज-1 व स्टेज-2) में आते थे। अभी 10 प्रतिशत मरीजों की बीमारी का स्टेज बढ़ गया है। जिन मरीजों की बीमारी शुरुआती स्टेज में थी अब वे तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच गई है।

    इस वजह से अभी स्तन कैंसर की बीमारी से पीडि़त 80 प्रतिशत महिलाएं एडवांस स्टेज के कैंसर के साथ इलाज के लिए पहुंचती हैं। पहले स्टेज में स्तन कैंसर का इलाज होने पर 90 प्रतिशत और दूसरे स्टेज में 70 प्रतिशत मरीजों की बीमारी ठीक हो जाती है। जबकि, तीसरे और चौथे स्टेज में मरीजों के ठीक होने की दर 50 से 20 प्रतिशत ही होती है।

    लाजपत नगर स्थित मैक्स अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डा. पीके जुलका ने कहा कि देश में हर साल करीब 14 लाख लोग कैंसर से पीडि़त होते हैं। महिलाएं स्तन कैंसर से अधिक पीडि़त हो रही हैं। दिल्ली सहित महानगरों में हर एक लाख की आबादी में से 30-32 महिलाएं स्तन कैंसर की शिकार हो रही हैं। पुरुषों को मुंह और गले का कैंसर अधिक होता है। कोरोना के कारण कई अस्पताल बंद रहे। कोरोना का संक्रमण अधिक होने पर कैंसर मरीज भी अस्पताल जाने से घबराते हैं।

    इस वजह से काफी मरीजों की बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच गई।एम्स कैंसर सेंटर के सर्जिकल ओंकोलाजी के एडिशनल प्रोफेसर डा. एमडी रे ने कहा कि कैंसर के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इस वजह से यह देखा गया है कि सर्जरी होने के बाद कोरोना का संक्रमण होने पर कैंसर के मरीजों में मृत्यु दर अधिक होती है। इस वजह से पहले के मुकाबले सर्जरी कम हुई है।

    • मोटापा भी कई तरह के कैंसर का कारणडाक्टर कहते हैं कि मोटापा भी कई तरह के कैंसर का कारण बन रहा है। खासतौर पर महिलाओं में स्तन कैंसर की बीमारी बढ़ने का एक कारण मोटापा माना जा रहा है। डा. अजय गोगिया ने कहा कि खानपान में प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार का इस्तेमाल करना चाहिए। मोटापे से बचाव के लिए व्यायाम जरूरी है।