World AIDS Day: धीरे-धीरे घट रहा HIV, दूसरों को संक्रमण का खतरा भी कम हुआ; जानिए इससे जुड़ी बातें
World AIDS Day दिल्ली में एक वर्ष में करीब छह हजार नए मामले आते हैं। दिल्ली राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी का दवा है कि नए मरीजों में से 50 प्रतिशत से अधिक मरीज ऐसे होते हैं जो बाहर से संक्रमण लेकर आते हैं। एचआईवी का संक्रमण धीरे धीरे घट रहा है। इसके मामले भी धीरे-धीरे कम हो रहे हैं।

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। एचआईवी का संक्रमण धीरे-धीरे घट रहा है। इसके मामले भी धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। डॉक्टर बताते हैं कि नई दवाएं आने के बाद एचआईवी (HIV) को भी ब्लड प्रेशर (बीपी) व शुगर की तरह नियंत्रित रखा जा सकता है। साथ ही वायरल लोड शून्य रखना संभव है।
नए शोध में यह बात भी सामने आई है कि एचआईवी संक्रमित में वायरस खत्म (वायरल लोड शून्य) हो जाने पर उस व्यक्ति से दूसरों को संक्रमण नहीं होता। इसलिए एचआईवी संक्रमित भी सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
दिल्ली में हर साल आते हैं 6000 HIV के केस
दिल्ली में एक वर्ष में करीब छह हजार नए मामले आते हैं। कोरोना के दौरान में एचआईवी की जांच प्रभावित हुई थी। इस वजह से एचआईवी की जांच 60 प्रतिशत तक कम हो गई थी। लेकिन कोरोना के बाद दोबारा जांच व निगरानी बढ़ी है। वर्ष 2022-23 में एचआईवी संक्रमण के 6385 नए मरीजों की पहचान की गई।
15 प्रतिशत मरीज जोखिम वाले
दिल्ली राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी का दवा है कि नए मरीजों में से 50 प्रतिशत से अधिक मरीज ऐसे होते हैं जो बाहर से संक्रमण लेकर आते हैं। दिल्ली राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी (Delhi State AIDS Control Society) के अतिरिक्त परियोजना निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि नए एचआईवी संक्रमितों में 15 प्रतिशत ही अधिक जोखिम वाले समूह के लोग होते हैं।
बाकी सभी सामान्य लोग होते हैं, जो असुरक्षित यौन संबंधों के कारण एचआईवी से संक्रमित होते हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग होते हैं, जिनके एक से अधिक पार्टनर होते हैं। इसका खामियाजा जीवन साथी को भी भुगतना पड़ता है। इसके बाद इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले एचआईवी पॉजिटिव अधिक होते हैं।
40 हजार मरीज एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी पर
दिल्ली के 13 एआरटी (एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटरों में अभी करीब 40 हजार मरीज एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी पर हैं। अब मरीजों को तीन दवाओं की संयुक्त डोज की एक दवा दी जाती है। 95 प्रतिशत मरीजों में वायर लोड नियंत्रित है। उन्होंने बताया कि अब शोध में यह बात आई कि जिन मरीजों का वायरल लोड शून्य है उनसे दूसरों को संक्रमण होने का खतरा नहीं है। लेकिन उन्हें दवा जारी रखनी होती है।
एम्स के मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने बताया कि पहले एचआईवी की दवाओं का दुष्प्रभाव अधिक था। अब नई दवाएं इलाज में ज्यादा कारगर होने के साथ-साथ सुरक्षित भी हैं। ब्लड प्रेशर व शुगर की तरह एक या दो दवाएं लेने से ही एचआईवी पीड़ित ठीक रहते हैं। इससे एचआईवी संक्रमित लंबा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। एम्स के एआरटी में करीब छह हजार मरीज पंजीकृत हैं। जिसमें से 99.7 प्रतिशत मरीजों का वायरस सप्रेस है।
गर्भवती महिलाओं में भी घटा एचआईवी की संक्रमण दर
दिल्ली में वर्ष 2010-11 में गर्भवती महिलाओं से इतर दो लाख 29 हजार 732 लोगों की जांच की गई थी। तब 6838 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए थे। इससे जांच में संक्रमण दर 2.93 प्रतिशत थी, जो 13 वर्षों में घटकर 1.21 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2022-23 में पांच लाख 11 हजार 919 लोगों की जांच हुई, जिसमें से 6172 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए।
गर्भवती महिलाओं में भी एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने की दर 0.20 से घटकर 0.07 हो गई है। इस वजह से वर्ष 2022-23 में 213 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाई गईं।
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