पति चराता है बकरियां, बीवी ने 7 बेटों संग गैंग बना लगाई अपराध की सेंचुरी
सात बेटों व चार बेटियों का पेट पालने के लिए बसीरन अपराध की दुनिया में उतर गई।
नई दिल्ली (अरविंद कुमार द्विवेदी)। दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार के के-ब्लॉक निवासी बसीरन (62) को इलाके के अपराधी जहां अम्मा कहकर बुलाते हैं वहीं, आम लोग उसे ‘मदर ऑफ ऑल क्राइम’ के नाम से जानते हैं। बसीरन और उसके सात बेटों पर दर्ज मुकदमों की सेंचुरी पूरी हो चुकी है।
शराब तस्करी से लेकर हत्या तक की वारदात को अंजाम दे चुका है गैंग
दिल्ली-एनसीआर में शायद ही ऐसा कोई परिवार होगा, जिसमें मां-बेटों पर 100 मामले दर्ज हों। इनमें शराब तस्करी से लेकर चोरी, छिनैती, रंगदारी मांगने, लूटपाट, अपहरण व हत्या जैसे संगीन मामले भी शामिल हैं।
गैंग की लीडर बसीरन के कहने पर एक की हत्या कर उसका शव जला दिया गया था
थाना संगम विहार पुलिस ने रविवार को लूटपाट के एक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया तो बदमाशों के तार बसीरन परिवार से जुड़े मिले। आरोपियों ने बताया कि सितंबर में बसीरन के कहने पर उन्होंने मिराज की हत्या कर उसका शव जलाने के बाद नमक के साथ दफना दिया था।
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बसीरन की गिरफ्तारी के बाद खुल सकते हैं कई अहम राज
इसी केस के साथ ही इस ‘फैमिली गैंग’ ने अपराध की दुनिया का शतक पूरा कर लिया। दक्षिणी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया के अनुसार, बसीरन अभी फरार है। पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी से कई और आपराधिक मामलों का खुलासा होने की उम्मीद है।
पति मलखान सिंह का काम है-बकरियां चराना
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2000 में बसीरन राजस्थान से आकर दिल्ली के संगम विहार में बस गई थी। उसका पति मलखान सिंह (64) तब इलेक्टिशियन का काम करता था, जिससे परिवार का खर्च नहीं चल पाता था। अभी मलखान सिंह संगम विहार के जंगलों में बकरियां चराता है।
बसीरन के हैं सात बेटे और चार बेटियां
वही, परिवार का एकलौता पुरुष सदस्य है जिस पर कोई मामला नहीं दर्ज है। सात बेटों व चार बेटियों का पेट पालने के लिए बसीरन ने अवैध शराब बेचना शुरू कर दिया।
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आसपास के छोटे-बड़े अपराधी उससे पीने व बेचने के लिए शराब ले जाते थे। इसी दौरान उसके दोनों बड़े बेटे शकील व शमीम इन अपराधियों के संपर्क में आए और पढ़ाई छोड़ दी। वे चोरी, छिनैती व झपटमारी करने लगे।
बेटियों का अपराध से कोई लेना-देना नहीं
धीरे-धीरे बसीरन के सातों बेटे आपराधिक वारदातों में शामिल होने लगे और इलाके में इस ‘फैमिली गैंग’ का आतंक छा गया। बसीरन की दो बेटियों की शादी हो गई है जो राजस्थान में अपने ससुराल में हैं। वहीं, दो बेटियां अभी बसीरन के साथ ही रहती हैं। बेटियों और पति का अपराध की दुनिया से कोई लेनादेना नहीं है।
पिछले साल खबर आई थी कि गॉडमदर बसीरन जिसने अपने आठों बेटों को अपराध की दुनिया में भेजा, वह अब इस सब को छोड़कर शांत जीवन जीने की योजना बना रही हैं। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के संगम विहार की अपराध की दुनिया की मलिका को कुछ महीने पहले ही तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था।
पिछले साल से ही बसीरन और उनका परिवार गिरफ्तारी से लंबे समय तक बचता रहा, पुलिस ने परिवार के खिलाफ कार्रवाई करके उन्हें तथा उनके 7 बेटों को गिरफ्तार कर लिया था। 8वां नाबालिग था और उसे किशोर गृह भेजा गया था। हालांकि, बाद में जमानत मिल गई थी।
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ये हैं गुजरात की गॉडमदर, बन चुकी हैं इन पर फिल्म
यहां पर बता दें कि विदेश में ही नहीं, बल्कि देश में भी ऐसी महिलाएं हुई हैं, जिन्होंने अपने परिवार का पेट पालने के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखा। देश में सबसे चर्चित नाम गुजरात की संतोकबेन जाडेजा का है। संतोखबेज पर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है, जिसमें मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी ने उनका किरदार अदा किया था।
गुजरात के पोरबंदर में शरमन मुंजा जाडेजा को ‘रॉबिनहुड’ के तौर पर जाना जाता था। पेशे से शरमन गैंगेस्टर था, लेकिन वह गरीबों का मसीहा था। मुंजा परिवार की 80 के दशक में पोरबंदर और सौराष्ट्र के कई शहरों में जबर्दस्त धाक थी।
यहां तक कि बड़े-बड़े नेता भी चुनावों में जीत के लिए इस परिवार का सहारा लिया करते थे।दुश्मन गैंग द्वारा शरमन मुंजा की हत्या के बाद गैंग उसकी पत्नी संतोकबेन जाडेजा ने संभाली।
लेडी डॉन के नाम से कुख्यात संतोकबेन ने भी पूरी गैंग पति के नियमों के हिसाब से चलाई। इसलिए उन्हें पोरबंदर में ‘गॉडमदर’ के नाम से भी पुकारा जाता