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    Pooja Khedkar Case: पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत मिलेगी या नहीं? दिल्ली HC ने फैसला रखा सुरक्षित

    Updated: Thu, 28 Nov 2024 06:05 PM (IST)

    Pooja Khedkar दिल्ली हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ हासिल करने के मामले में आरोपित पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित रख लिया है। यूपीएससी और दिल्ली पुलिस ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है। खेडकर ने दावा किया है कि वह जांच में सहयोग करेंगी और उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं है।

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    Pooja Khedkar: पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर निर्णय सुरक्षित। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Pooja Khedkar Case: धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ हासिल करने के मामले में आरोपित पूर्व आइएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है।

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    न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने मामले पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया। साथ ही अगस्त माह में पूजा खेडकर को गिरफ्तारी पर दी गई अंतरिम सुरक्षा को जारी रखने को कहा है।

    दिल्ली पुलिस ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का किया विरोध

    सुनवाई के दौरान यूपीएससी ( और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। खेडकर ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए कहा कि वह जांच में सहयोगी करेंगी। साथ ही यह भी दावा किया कि उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सभी सुबूत दस्तावेज प्रकृति के हैं।

    वहीं, याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए खेडकर से हिरासत में पूछताछ जरूरी है। वहीं, शिकायतकर्ता यूपीएससी ने खेडकर को मास्टरमाइंड कहा है। यह दावा किया गया है कि जिस तरह से वह सिस्टम में आई है उससे पता चलता है कि वह कितनी प्रभावशाली है।

    सिविल सेवा परीक्षा-2022 नियमों का उल्लंघन करने का पाया दोषी

    31 जुलाई को यूपीएससी ने खेडकर की उम्मीदवारी रद कर दी थी और उन्हें आयोग की सभी भविष्य की परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया। यूपीएससी ने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा-2022 नियमों के प्रविधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया था।

    इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए जांच एजेंसी को मामले में जांच का दायरा बढ़ाने और पूरी निष्पक्षता से जांच करने का निर्देश दिया था। अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को खेडकर को चुनौती दी है।

    दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण (Delhi Pollution) का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल GRAP- 4 के प्रतिबंध को हटाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में देश की सबसे बड़ी कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर के इलाके में 2 दिसंबर तक ग्रेप 4 के प्रतिबंध लागू रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि ग्रेप-4 को लागू करने के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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