हर महीने 200 यूनिट फ्री बिजली मिलती रहेगी या नहीं? दैनिक जागरण से खास बातचीत में आशीष सूद ने दिया हर सवाल का जवाब
दिल्ली सरकार में सात विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे Ashish Sood ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय बनाकर कानून व्यवस्था में सुधार बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को बाहर करना गर्मी में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना और शिक्षा का स्तर सुधारना उनकी प्राथमिकताएं हैं।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बाद सबसे अधिक सात विभागों की जिम्मेदारी आशीष सूद (Ashish Sood) को दी गई है। वह गृह, ऊर्जा, शहरी विकास, शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे हैं। दिल्ली में कानून व्यवस्था के साथ बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की मौजूदगी बड़ी समस्या है। इन्हें बाहर करना दिल्ली सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।
दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय बनाकर सुधार , गर्मी के मौसम में बिजली की निर्बाध आपूर्ति और शिक्षा के स्तर में सुधार की भी चुनौती है। इनका दायित्व आशीष सूद के कंधों पर है। चुनौतियों से निपटने के अलावा कैसे दिल्ली के विकास को आगे बढ़ाएंगे, इस संबंध में दैनिक जागरण के संतोष कुमार सिंह ने उनके साथ विस्तृत चर्चा की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंशः
अरविंद केजरीवाल हमेशा केंद्र सरकार पर कानून व्यस्था संभालने में विफल रहने का आरोप लगाकर दिल्ली पुलिस की मांग करते थे? क्या दिल्ली सरकार के पास पुलिस नहीं होना कानून व्यवस्था खराब होने का मुख्य कारण है?
बिल्कुल नहीं। इसका मुख्य कारण आप सरकार का अहंकार था। आप सरकार ने कभी भी केंद्र सरकार के साथ समन्वय नहीं रखा। पुलिस को सहयोग नहीं किया गया। कानून व्यवस्था पुलिस व जेल के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों से जुड़ा विषय है। आप सरकार के मंत्री जेल को सुरक्षित बनाने की जगह वहां मालिश कराते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल व उनके मंत्रियों के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारी पुलिस को सहयोग नहीं करते थे। अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस को योग्य वकील उपलब्ध नहीं कराए गए। अपराधियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने में विलंब किया गया। इन कारणों से दिल्ली की कानून व्यवस्था बिगड़ी है।
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर कानून व्यवस्था संभालने में विफल होने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल कहते थे कि मुख्यमंत्री जब चाहे पुलिस आयुक्त को अपने पास बुला सकता है। सत्ता में आने के बाद अपनी नाकामी छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगाना शुरू कर दिया। पुलिस पर नियंत्रण की मांग करते थे। अब केंद्र के साथ दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है। दोनों सरकार मिलकर दिल्लीवासियों के हित में काम करेगी।
प्रति माह 200 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना लागू रहेगी या इसमें कोई बदलाव होगा?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पूर्व सरकार की सभी जनहितकारी योजनाएं लागू रहेंगी, लेकिन इन सभी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को दूर किया जाएगा। बिजली बिल पर दी जाने वाली सब्सिडी में अनियमितता की शिकायतों की जांच होगी। कहीं कोई गड़बड़ी मिली तो सख्त कार्रवाई होगी।
गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग नौ हजार मेगावाट से ऊपर पहुंचने की संभावना है। दिल्लीवासियों को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने की क्या व्यवस्था होगी?
उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। अगले दो-तीन दिनों में फिर से बैठक होगी। आप सरकार को 2017-18 से अब तक लगभग 38 हजार करोड़ रुपये जीएसटी की हिस्सेदारी के रूप में प्राप्त हुए थे।
इस पैसे को दिल्ली के आधारभूत ढांचे के विकास व बिजली नेटवर्क को मजबूत करने में खर्च किया जाना चाहिए था। भ्रष्टाचार के कारण आप सरकार में यह काम नहीं हुआ। दिल्ली सरकार का खजाना खाली है।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की क्या योजना है?
देखिए, दिल्ली में आप सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने पर ध्यान नहीं दिया। वह समझती थी कि सिर्फ 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने से सभी काम पूरे हो गए। दिल्ली में बढ़ रही बिजली की मांग और पर्यावरण को ध्यान में रखकर सौर ऊर्जा को बढा़वा देने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री की पीएम सूर्य घर योजना को दिल्ली में लागू कर सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को अपने उपयोग के लिए मुफ्त में बिजली मिलेगी और बची हुई बिजली बेचकर वह अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे।
भाजपा सरकार बनते ही सुरक्षित दिल्ली करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री व गृह मंत्री के साथ बैठक की। आप के शासनकाल में इस तरह की बैठक क्यों नहीं हुई?
क्योंकि, केजरीवाल समन्वय की जगह विवाद पैदा करने में विश्वास रखते थे। वह दिल्ली की कानून व्यवस्था, यातायात व्यवस्था सुधारने व जलभराव की समस्या हल करने के लिए केंद्र सरकार के साथ कभी चर्चा नहीं करते थे। केंद्र सरकार से मिलने वाले सुझाव को भी नहीं मानते थे।
दिल्ली की भाजपा सरकार अपनी सीमा में रहते हुए केंद्र के साथ समन्वय कर दिल्ली को अपराधमुक्त करने और लोगों की समस्याओं के समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय गृहमंत्री ने पुलिस को अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने को कहा है। शीघ्र बदलाव दिखेगा।
बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठिये बड़ा मुद्दा है। इसका क्या समाधान है?
देखिए घुसपैठिये दिल्ली व देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। वह दिल्लीवालों का हक मार रहे है। प्रश्न उठता है कि बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को दिल्ली में संरक्षण कौन दे रहा है? उनके फर्जी आधारकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड व अन्य सरकारी दस्तावेज कौन बना रहा है? उनकी पहचान आवश्यक है। घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर भेजा जाएगा। उनसे भी अधिक कठोर कार्रवाई उन्हें संरक्षण देने वालों पर होगी।
आप सरकार अपने शिक्षा मॉडल को विश्वस्तरीय बताती थी? उनका दावा कितना सही था?
उनके दावे में कोई सच्चाई नहीं थी। जनता को सिर्फ गुमराह किया गया। मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, कल्याणपुरी सहित अन्य कॉलोनियों में जहां गरीब, कम आय वर्ग व अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं, वहां के अधिकांश स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई क्यों नहीं होती है?
क्या गरीब बच्चों को विज्ञान पढ़ने का अधिकार नहीं है? सात सौ से अधिक स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। यदि यही विश्वस्तरीय शिक्षा मॉडल है तो इससे गरीब बच्चों के साथ न्याय नहीं हुआ। भाजपा सरकार का शिक्षा माडल गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने वाला होगा। उसकी चर्चा प्रत्येक घर में होगी।
दिल्ली में शिक्षा का स्तर कैसे सुधारेंगे?
देखिए, पिछले 11 वर्षों की कमियों को कुछ दिनों में नहीं सुधारा जा सकता है। अभी उन कमियों की पहचान की जा रही है। उसे दूर करने के लिए पूरी कार्य योजना तैयार की जाएगी। निश्चित रूप से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम होगा।
यहां के छात्रों की प्रतिभा को निखारने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश में नई शिक्षा नीति लागू की है। दिल्ली में उसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा, ताकि यहां छात्रों को उसका लाभ मिल सके।
आप सरकार ने खेल विश्वविद्यालय और शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की घोषणा की थी। इसे आगे बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार क्या कदम उठाएगी?
दिल्ली सरकार का यह प्रयास होगा कि दिल्ली के शिक्षकों को उनके शहर में ही प्रशिक्षण मिले। पूर्व सरकार की प्रत्येक योजना का आकलन किया जाएगा। दिल्लीवासियों के हित में सभी उचित कदम उठाए जाएंगे।
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