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    AAP-कांग्रेस गठबंधन पर अजय माकन की राह पर पूर्व सीएम शीला दीक्षित, पढ़िए- पूरी खबर

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 01 Feb 2019 08:09 AM (IST)

    आम आदमी पार्टी की सरकार एवं भाजपा के सातों सांसदों के प्रदर्शन से दिल्लीवासी काफी नाराज हैं। आम आदमी पार्टी का वोट फीसद भी लगातार गिर रहा है, जबकि कां ...और पढ़ें

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    AAP-कांग्रेस गठबंधन पर अजय माकन की राह पर पूर्व सीएम शीला दीक्षित, पढ़िए- पूरी खबर

    नई दिल्ली, जेएनएन पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बाद अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी पार्टी आलाकमान को स्पष्ट कर दिया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन करने की कोई जरूरत नहीं है। दिल्ली में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद बृहस्पतिवार को शीला पहली बार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके निवास पर मिलीं। उनके साथ दिल्ली के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव, राजेश लिलोठिया और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको भी थे।

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    करीब आधे घंटे की इस शिष्टाचार भेंट में प्रदेश की नवनियुक्त टीम ने उनका आभार जताया और दिल्ली की मौजूदा सियासी स्थिति से भी अवगत कराया। शीला और उनके तीनों सिपहसालारों का कहना था कि दिल्ली में अब सियासी हालात बदल रहे हैं।

    आम आदमी पार्टी की सरकार एवं भाजपा के सातों सांसदों के प्रदर्शन से दिल्लीवासी काफी नाराज हैं। आम आदमी पार्टी का वोट फीसद भी लगातार गिर रहा है, जबकि कांग्रेस की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। पार्टी की पकड़ दिल्ली में मजबूत हो रही है और दिल्लीवासी कांग्रेस के शासनकाल में कराए गए विकास कार्यों को याद कर रहे हैं।

    शीला एवं उनके पदाधिकारियों ने पार्टी अध्यक्ष से मिलकर स्पष्ट तौर पर दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने की वकालत की। उनका कहना था कि नगर निगम और कई उपचुनावों के बाद कांग्रेस का वोट फीसद 26.24 फीसद तक बढ़ा है।

    राहुल गांधी को यह भी बताया गया कि दिल्ली में आठ हजार बूथ समितियां बना दी गई हैं। जिलास्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहे हैं और हर स्तर तक कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच बनाई जा रही है, इसलिए पार्टी को किसी के भी साथ गठबंधन करने की कोई जरूरत नहीं है।

    हारून यूसुफ (कार्यकारी अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस) ने कहा कि  पार्टी आलाकमान के साथ हुई बैठक शिष्टाचार भेंट थी। लेकिन दिल्ली के हालात पर चर्चा के दौरान उन्हें सारी स्थिति और संगठन की प्रगति से अवगत कराया गया। यह भी कहा गया कि पार्टी को कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए।