Air condition News: होम और वर्क प्लेस में 24-26 डिग्री सेल्सियस के बीच क्यों सेट करें एयर कंडीशन का तापमान?
Air condition News बेहद कम तापमान के हानिकारक प्रभावों को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे शरीर के तापमान की तुलना में बहुत कम तापमान पर सेट किए गए एसी थर्मोस्टैट्स कमरों के अंदर कम आर्द्रता के कारण त्वचा की क्षति में वृद्धि का कारण बन सकते हैं।

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। मानसून की सक्रियता के बीच दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है। बीच-बीच में हल्की बारिश ने उमस और गर्मी के असर को काफी हद तक कम कर दिया है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अपने कमरे में लगाए गए एयरकंडीशन का तापमान बहुत कम नहीं करने की बात कही जा रही है।
24 डिग्री पर सेट करने से 18 प्रतिशत एनर्जी बचेगी ऊर्जा
स्वास्थ्य कारणों के चलते और ऊर्जा बचाने के लिए लोगों को एयर कंडीशन का तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रखने की सलाह दी जा रही है। दरअसल ऊर्जा मंत्रालय का सुझाव है कि एसी पर 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ाने से 6 प्रतिशत एनर्जी बचती है, जबकि न्यूनतम तापमान को 21 डिग्री के बजाय 24 डिग्री पर सेट करने से 18 प्रतिशत एनर्जी बचेगी।
एसी के तापमान से बिजली की खपत होती है निर्धारित है?
ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, कमरे में एयरकंडीशन का तापमान 24 से 18 डिग्री पर सेट करने के चलते कंप्रेसर को ज्यादा लंबे समय तक काम करना पड़ता है। इतना ही नहीं, यदि एसी के तापमान को 25 डिग्री के बजाए 18 डिग्री पर कर दिया जाता है तो बिजली की खपत भी बढ़ जाती है। जानकारों का मानना है कि तापमान 24 डिग्री पर रखने से बिजली कीजान बचत भी होगी और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत भी नहीं आती है।
कुछ लोगों को होती है एसी से दिक्कत
नोएडा की रहने वाली प्रतिभा पटेल का कहना है कि उनका 19 वर्षीय बेटा गर्मियों के दौरान एयरकंडीशन कमरे में सोने से बीमार हो जाता था। शुरुआत में गौर नहीं किया, लेकिन दिक्कत बरकरार रही तो उसे डाक्टर को दिखाया। पता चला कि बेटे एयर कंडीशन कमरे में सोने के दौरान असहज महसूस करता है। फिलहाल उनका बेटा कूलर का इस्तेमाल करता है और स्वस्थ भी है।
कम तापमान से पड़ता है लोगों के स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि एयरकंडीशन कमरे में सोने के चलते व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। कुछ लोग सिरदर्द और बदन दर्द की शिकायत करते हैं। कुछ लोगों में यह समस्या पूरी गर्मियों के मौसम में बनी रहती है।
इसके पीछे वजह यह है कि एयरकंडीशन कमरे में मौजूद नमी को सोख लेता है। इससे इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी त्वचा पर पड़ता है। ऊपर से यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने वाले प्राकृतिक तंत्र को प्रभावित करता है। इससे कई लोग बीमार तक पड़ जाते हैं।
रखें 24-25 डिग्री सेल्सियस अपने एसी का तापमान
सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाला ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने इस संदर्भ में एक अध्ययन कराया था और एयर कंडीशनर में तापमान 24 डिग्री सेल्सियस निर्धारित करने की सिफारिश की थी। इस दिशा में शुरुआत करते हुए हवाईअड्डा, होटल, शापिंग मॉल समेत सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और विनिर्माताओं को परामर्श जारी किया गया है।
कार्य स्थल पर भी कम तापमान से होती है दिक्कत
विशेषज्ञ डाक्टरों का भी कहना है कि लोगों को अपने कमरे और कार्य स्थल के एसी के तापमान को 24-25 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर रहता है। इससे कम तापमान रखने पर लोगों को दिक्कत हो सकती है।
आ सकती है त्वचा में जलन समेत कई समस्या
कम तापमान में रहने का परिणाम यह होता है कि त्वचा के ऊतक कम पसीने के उत्पादन के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए अतिरिक्त शरीर के तेल का उत्पादन करते हैं। यह त्वचा के धब्बे, मुंहासे और समय से पहले झुर्रियों और त्वचा की जलन का कारण बन सकते हैं।
कम तापमान पर एयरकंडीशन चलाना बेहद हानिकारक होता है। कुछ मामलों पर समय से पहले उम्र बढ़ने, अतिरिक्त बालों के गिरने, त्वचा विकारों और एलर्जी का कारण बन भी सकता है। इसेक अलावा, शुष्क गले, राइनाइटिस और नाक की रुकावट संबंधी समस्या गहरा जाती है।
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