बैंकॉक में हुई ग्लोबल वुमेन समिट 2025 में सम्मानित होने वाली इस आईएएस अधिकारी की क्यों हो रही है चर्चा
अपने भाषण में IAS Sonal Goel ने सोनल गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाई गई योज ...और पढ़ें

“नारी का सम्मान, समाज और देश के विकास की पहली सीढ़ी होती है। इसलिए विकसित भारत बनाने के लिए..., आज भारत विमेन लेड डेवलपमेंट की राह पर चल पड़ा है।”, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन जब गुजरात के नवसारी में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये बातें कह रहे थे, लगभग उसी समय गुजरात से हज़ारों किलोमीटर दूर एक भारतीय महिला प्रशासनिक अधिकारी को एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मानित किया जा रहा था।
त्रिपुरा सरकार में सचिव के पद पर काम कर रही इस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का नाम है सोनल गोयल जिन्हें बैंकॉक, थाईलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर प्रतिष्ठित 'एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट वुमन अवार्ड' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें अपनी अब तक की लगभग डेढ़ दशक की सर्विस के दौरान वुमेन एंपावरमेंट के क्षेत्र में शानदार काम करने के लिए दिया गया।
यूनाइटेड पीसकीपर्स फेडरल काउंसिल (UNPKFC) और यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशंस ऑफ कोचेला वैली, यूएसए (UNA-USA) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विश्व भर के कई वीआईपी और वीवीआईपी लोगों ने भाग लिया, जिनमें UNPKFC की ग्लोबल प्रेसिडेंट डॉ. अफिनिता चाइचाना, UNA-USA की अध्यक्ष कैरेन कैंट्रेल, प्रिंसेस इसाबेल, आदि समेत कई अन्य पॉलिसी मेकर्स, कॉर्पोरेट लीडर्स जैसे मिरिन फ्रोमनोच और पपचसॉर्न मीपा आदि शामिल रहीं।
जेंडर इंक्लूजन और महिला सशक्तिकरण पर हुई चर्चा
अपने भाषण में IAS Sonal Goel ने सोनल गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाई गई योजनाओं जैसे लखपति दीदी, ड्रोन दीदी आदि के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार, ‘महिलाओं के विकास’ से ऊपर उठकर ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ की दिशा में आगे बढ़ रही है।
सोशल मीडिया पर अवार्ड रिसीव करते हुए अपनी कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए Sonal Goel IAS ने लिखा कि, "यह सम्मान केवल मेरा व्यक्तिगत सम्मान नहीं है—बल्कि यह हर उस लड़की का सम्मान है जो सपने देखने की हिम्मत रखती है, यह हर उस महिला का सम्मान है जो कभी हार नहीं मानती, और हर उस व्यक्ति का सम्मान है जो मानता है कि समानता कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक अनिवार्यता है।"

वैश्विक मंच पर भारतीय महिला नेतृत्व की पहचान
बताते चलें कि 2008 बैच की आईएएस सोनल गोयल ने हरियाणा में पोस्टिंग के दौरान, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को सफल बनाने में काफ़ी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के लिंगानुपात में काफ़ी सुधार हुआ।
2010 में त्रिपुरा के ढलई जिले के अंबासा सब-डिविज़न में अपने कार्यकाल के दौरान सोनल गोयल IAS ने ही त्रिपुरा के पहले 'ऑल-वुमन पोलिंग बूथ' सेटअप करने की पहल की थी। उनके इस प्रयास ने न केवल महिलाओं की मतदान में भागीदारी को प्रोत्साहित किया बल्कि जेंडर-इनक्लूसिव प्रशासन की एक शानदार मिसाल भी स्थापित की।
बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए किए गए उनके अन्य प्रमुख प्रयासों में 'नंदिनी' (त्रिपुरा में) और 'महारी लाडो', 'उमंग: एक पहल', तथा 'सोच पे दस्तक' (हरियाणा में) शामिल हैं। इन अभियानों ने समाज, विशेष रूप से पुरुषों और युवा लड़कों के बीच, महिलाओं के प्रति सम्मान, समानता और प्रगतिशील सोच को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एक के बाद एक की गई कई सोशल मीडिया पोस्ट में IAS सोनल गोयल ने इस आयोजन की कई तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं, जिनमें वो भाषण देते हुए, अवार्ड लेते हुए और छोटे बच्चों के साथ बातचीत करती नजर आ रहीं हैं।
सोनल गोयल अक्सर सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फ़ालोअर्स हैं। बीतें दिनों जहां उनकी UPSC की मार्कशीट की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी तो वहीं कुछ दिनों पहले लंदन में ब्रिटेन की संसद के ऊपरी सदन ‘हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स’ में आयोजित एक कार्यक्रम में बुलाए जाने पर भी मीडिया में उनकी काफ़ी चर्चा हुई थी।

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