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जानिए क्‍यों कोर्ट ने कहा 'मुंबई में महिलाएं देर रात अकेले घूम सकती हैं, फिर दिल्ली में क्यों नहीं'

न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा मुंबई में महिलाएं देर रात भी स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं तो फिर ऐसा दिल्ली में क्यों नहीं हो सकता।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 03:02 PM (IST)
जानिए क्‍यों कोर्ट ने कहा 'मुंबई में महिलाएं देर रात अकेले घूम सकती हैं, फिर दिल्ली में क्यों नहीं'
जानिए क्‍यों कोर्ट ने कहा 'मुंबई में महिलाएं देर रात अकेले घूम सकती हैं, फिर दिल्ली में क्यों नहीं'

नई दिल्ली, जेएनएन। वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म के बाद दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सवाल उठाया कि आखिर मुंबई की तरह दिल्ली महिलाओं के लिए क्यों सुरक्षित नहीं हो सकती। न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा मुंबई में महिलाएं देर रात भी स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं, तो फिर ऐसा दिल्ली में क्यों नहीं हो सकता। पीठ ने कहा कि हमारे पास बेहतर सर्वश्रेष्ठ संसाधन और अनुभवी अधिकारी हैं तो फिर हमसे गड़बड़ी कहां हो रही है।

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याचिका पर उक्त टिप्पणी करते हुए पीठ ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को महिलाओं के लिए अपराध मुक्त बनाने के लिए कार्य योजना तैयार करें। दो सदस्यीय पीठ ने साथ ही दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठक करें और इस बाबत तैयार कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाएं।

पीठ ने वर्ष 2012 की घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए रखे गए कोष का इस्तेमाल न होने पर भी सवाल उठाया। पीठ ने कहा कि 16 दिसंबर 2012 को हुई घटना के बाद वर्ष 2013 में निर्भया कोष की घोषणा की गई थी और इसमें तीन हजार करोड़ का इस्तेमाल नहीं किया गया।

पीठ ने पूछा कि आखिर इसमें कुछ रुपया सीसीटीवी और स्ट्रीट लाइट लगाने में क्यों इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और पुलिस की तरफ से स्टैंडिंग काउंसिल राहुल मेहरा ने निर्भया कोष का इस्तेमाल सीसीटीवी व स्ट्रीट लाइट लगाने में खर्च करने पर सहमति जताई।

पीठ ने इसके साथ ही निर्देश दिया कि अंधेरे वाले इलाके में पहुंचने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाए और उन्हें मोटर साइकिल उपलब्ध कराई जाए। पीठ ने साथ ही यह भी कहा कि क्योंकि 44 पुलिस थाने संवेदनशील हैं, ऐसे में पुलिस बल की संख्या बढ़ाई जाए और सादे वर्दी में महिला पुलिसकर्मियों को लगाया जाए। पीठ नें पुलिस को एक शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश देते हुए मासिक रिपोर्ट पेश करने को कहा।

पीठ ने सुनवाई के दौरान पीसीआर वैन में पांच पुलिसकर्मियों की तैनाती पर भी सवाल उठाया। पीठ ने कहा कि पीसीआर वैन में सिर्फ एक अधिकारी होना चाहिए, क्योंकि उसकी नजरें बाहर नहीं होती। पीठ ने कहा गर्मी में लू होने के कारण पुलिसकर्मी अंदर बैठते हैं और सर्दी में ठंड होने के कारण भी वह अंदर ही रहते हैं। ऐसे में एक पुलिसकर्मी की तैनाती करके हम चार पुलिसकर्मियों को सेव कर सकते हैं। इस दौरान पुलिस ने कहा कि कुल 182 पुलिस थानों में से 179 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं, वहीं कुल 53 पुलिस पोस्ट में से 50 में सीसीटीवी लगाया जा चुका है।

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