World Suicide Prevention Day 2022: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के जरिये जिंदगी को बचाने की कोशिश
World Suicide Prevention Day 2022 अवसाद समेत कई अन्य कारणों से देश-दुनिया में आत्महत्या के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस पर रोक लगाने के मकसद से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से हर साल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। World Suicide Prevention Day 2022: देश के साथ-साथ दुनियाभर में बढ़ती आत्महत्याओं पर रोक लगाने और उसके लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से हर वर्ष 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है।
किशोर और युवा कर रहे ज्यादा आत्महत्या
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, आत्महत्या की वजह से हर साल दुनियाभर में आठ लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवाते देते हैं। डब्ल्यूएचओ का यह भी कहना है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर 15-29 साल के लोग शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर किशोर और युवा उम्र के लोग हैं।
विकासशील देशों में आत्महत्या के मामले अधिक
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या की अधिकतर घटनाएं विकसित और विकासशील देशों में सामने आ रही हैं। पढ़ाई का दबाव और नौकरी न मिलना आत्महत्या की प्रमुख वजह है।
साल 2003 में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मानाने की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने की थी। वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे को प्रायोजित फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा किया जाता है। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का उद्देश्य सफल रहा, इसीलिए साल 2004 में डब्ल्यूएचओ औपचारिक रूप से इसको फिर से को-स्पॉनसर करने के लिए तैयार हुआ। इसके बाद से इस दिन को एक वार्षिक मान्यता प्राप्त दिन के रूप में मनाया जाने लगा।
वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे मनाने का उद्देश्य
इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य यही है कि लोगों को आत्महत्या करने से रोका जा सके। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सुसाइड करने वाले लोगों के व्यवहार पर शोध करना, लोगों के अंदर जागरूकता लाना और इसका पूरा डेटा भी जमा करना है।
क्या है इस वर्ष की थीम
इस साल यानी वर्ष 2022 में World Suicide Prevention Day की थीम Creating Hope through action है। यानी लोगों में अपने काम के जरिये उम्मीद पैदा करना। डब्ल्यूएचओ इस थीम के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि आत्महत्या करने के बारे में सोचने वाले लोगों को कभी भी जीने की चाह नहीं छोड़नी चाहिए।
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