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    दिल्ली की इस सीट पर दल-बदलुओं की होगी सीधी जंग, AAP-कांग्रेस ने लगाई जीत की हैट्रिक; BJP के लिए टफ फाइट

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 05:01 PM (IST)

    Patel Nagar Seat पटेल नगर विधानसभा सीट दिल्ली चुनाव में दल-बदलुओं की जंग का गवाह रही है। भाजपा कांग्रेस और आप सभी दलों के लिए पाला बदलना और पुरानी पार्टी पर आरोप लगाना आम बात रही है। इस बार भी राजकुमार आनंद और प्रवेश रतन जैसे नेताओं ने पार्टी बदली है। ऐसे में पटेल नगर सीट पर कौन बाजी मारेगा यह देखना दिलचस्प होगा।

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    delhi election 2025: जो था खेवनहार उसी ने किया पलटवार। फाइल फोटो

    अजय राय, नई दिल्ली। पटेल नगर विधानसभा सीट (Patel Nagar  Vidhan Sabha Seat) से चुनाव लड़ने वाले पार्टियों के खेवनहार ही पलटवार कर देते हैं। पाला बदलने और पुरानी पार्टी पर तोहमत मढ़ने का सिलसिला भाजपा, कांग्रेस और आप के लिए एक जैसा रहा है।

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    अक्टूर 2022 में बौद्ध महासभा में दिल्ली सरकार के तत्कालीन मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने हिंदू देवी-देवताओं के मूर्ति पूजा के विरोध के विवादों में आए तो दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भी मुश्किलें खड़ी हुईं।

    राजकुमार आनंद ने AAP का छोड़, भाजपा का पकड़ा दामन

    अनुसूचित जाति से आने वाले गौतम पार्टी में बड़ा चेहरा थे और पार्टी को संकट में फंसा देख उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अनुसूचित जाति के मतदाताओं को अपने पाले में मजबूती से खड़ा रखने के लिए आप की सरकार ने पटेल नगर से विधायक व अनुसूचित जाति से आने वाले पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद को खेवनहार के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया।

    लेकिन, इस वर्ष लोकसभा चुनाव के समय ही आनंद ने आप छोड़ने का एलान करने के साथ पार्टी पर अनुसूचित जाति विरोधी होने की तोहमत मढ़ दी। बाद में भाजपा के दामन थाम लिया। ऐसे ही पटेल नगर से भाजपा के टिकट पर वर्ष 2020 में चुनाव लड़ चुके जाटव समाज से आने वाले प्रवेश रतन इसी साल पाला बदलकर आप में चले गए और अब वे पार्टी के प्रत्याशी भी हैं।

    कृष्णा तीरथ। फाइल फोटो

    सुरक्षित सीट पटेल नगर में जाटव समाज के नेताओं और मतदाताओं का दबदबा रहा है। लेकिन, पाला बदलकर दाव आजमाने के लिए यह सीट बड़ा चुनावी रण क्षेत्र है। राजकुमार आनंद, प्रवेश रतन के अलावा यहां से कांग्रेस नेता कृष्णा तीरथ ने भी ऐसा ही किया था।

    दिल्ली में कमजोर पड़ रही कांग्रेस को छोड़कर उन्होंने वर्ष 2015 में इस सीट पर भाजपा की तरफ से किस्मत आजमाया, लेकिन आप के हजारी लाल चौहान बड़े अंतर से मात दी। अगले चुनाव 2020 में कृष्णा फिर से कांग्रेस में लौटीं और इस सीट पर दोबारा किस्मत आजमाया, लेकिन परिणाम उससे भी खराब रहा और वो तीसरे स्थान पर रहीं।

    एक बार कमल, तीन बार पंजा और अब तीन बार से झाड़ू का जोर

    पटेल नगर विस क्षेत्र से 1993 में भाजपा के एमआर आर्या के हाथ पहली बाजी लगी। उसके बाद 1998, 2003 व 2008 के चुनाव में यहां से कांग्रेस ने परचम लहराया। इसमें लगातार दो बार कांग्रेस के रमाकांत गोस्वामी ने जीत दर्ज की।

    वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी के उदय के साथ यहां राजकुमार आनंद की पत्नी वीणा आनंद आप के टिकट पर जीत दर्ज की। तब से हर चुनाव में आप के टिकट पर चेहरे बदलते रहे, लेकिन दबदबा झाड़ू का ही रहा। वर्ष 2020 चुनाव से पहले पत्नी के बाद राजकुमार ने आप ज्वाइन की और पटेल नगर से विधायक चुने गए।

    राजकुमार आनंद इसी साल आप छोड़ने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले बसपा में चले गए और नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में उतरे, लेकिन वे महज 0.66 प्रतिशत ही वोट पा सके। यानी पटेल नगर विधानसभा में भी बुरी तरह पीछड़े और तीसरे नंबर पर रहे।

    पटेल नगर सीट

    वर्ष विजेता पार्टी कितने वोट से जीते
    1993 एमआर आर्या भाजपा 2147
    1998 रमाकांत गोस्वामी कांग्रेस 5594
    2003 रमाकांत गोस्वामी कांग्रेस 14176
    2008 राजेश लिलोथिया कांग्रेस 14176
    2013 वीणा आनंद आप 6262
    2015 हजारी लाल चौहान आप 34663
    2020 राजुकमार आनंद आप 30935

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