Justice Sanjeev Khanna: कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना, जो बने देश के नए CJI; कई बड़े मामलों का कर चुके हैं निपटारा
जस्टिस संजीव खन्ना (Sanjeev Khanna) ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत के 51वें मुख्य ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) ने आज यानी 11 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थिति रहे।
वह दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से ही की है। उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उनके पिता न्यायमूर्ति देस राज खन्ना थे, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
#WATCH | Delhi: Justice Sanjiv Khanna took oath as the 51st Chief Justice of India at Rashtrapati Bhavan in the presence of President Droupadi Murmu, PM Narendra Modi and other dignitaries. pic.twitter.com/PbFsB3WVVg
— ANI (@ANI) November 11, 2024
लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं मां
जस्टिस संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की और 1977 में स्कूली शिक्षा पूरी की। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से कानून की पढ़ाई पूरी की।
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कई प्रमुख कानूनों पर है जबर्दस्त पकड़
संजीव खन्ना 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में नामांकित हुए। शुरुआत में दिल्ली के तीस हजारी परिसर में जिला न्यायालयों में और बाद में दिल्ली के उच्च न्यायालय और संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता जैसे विविध क्षेत्रों में न्यायाधिकरणों में प्रैक्टिस की। वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही कानूनों पर उनकी जबर्दस्त पकड़ है।
आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील भी रहे खन्ना
आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में उनका कार्यकाल सबसे लंबा रहा। 2004 में उन्हें दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया था। वह दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक और एमिकस क्यूरी के रूप में कई आपराधिक मामलों में भी उपस्थित हुए और बहस की।
2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में हुए पदोन्नत
2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में वह पदोन्नत हुए और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहते हुए, उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्र, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद भी संभाला।
2019 को वह सुप्रीम कोर्ट में हुए नियुक्त
18 जनवरी, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्हें पदोन्नत किया गया। उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला। वह वर्तमान में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं। संजीव खन्ना 13 मई, 2025 तक सीजेआई के पद पर रहेंगे।
कई प्रमुख निर्णयों में शामिल रहे जस्टिस खन्ना
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने जनवरी 2019 में अपनी नियुक्ति के बाद से भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कई उल्लेखनीय निर्णय लिए हैं। इसमें वीवीपैट सत्यापन, चुनावी बांड योजना, अनुच्छेद 370 को हटाने का केस, अनुच्छेद 142 के तहत तलाक का केस, अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत का केस और आरटीआई निर्णय का मामला शामिल है।

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