कौन हैं IAS आशीष मोरे और क्या है उनके तबादले पर विवाद?
Who is Ashish More दिल्ली सरकार के सर्विसेज डिपार्टमेंट में सचिव आशीष मोरे ने अपनी जगह नए सचिव की नियुक्ति के दिल्ली सरकार के आदेश की अवहेलना की थी। अब उन्होंने कहा कि वह नए सचिव की तैनाती को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाएंगे। (फोटो- सौरभ भारद्वाज मंत्री दिल्ली सरकार)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कई दिन से गायब दिल्ली के सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे आखिरकार सोमवार को सामने आ गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने पर सहमत हो गए। विभागीय मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा उनकी अनधिकृत अनुपस्थिति के लिए स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
बता दें कि मंत्री द्वारा मोरे की जगह नए सचिव की नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं, जिसकी उन्होंने अवहेलना की थी। निर्देश देने पर अपने सहयोगियों और परिवार को छोड़कर मोरे रहस्यमय तरीके से गायब हो गए थे।
सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद संपर्क से लगभग कट गए मोरे आखिरकार सोमवार दोपहर अचानक दिल्ली सचिवालय स्थित अपने दफ्तर में आए और कारण बताओ नोटिस मिलने की बात स्वीकार की व सुप्रीम अदालत के निर्णय को मानने व नए सचिव की तैनाती को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने की बात कही।
24 घंटे में दें कारण बताओ नोटिस का जवाब
नोटिस का जवाब देने के लिए मोरे को 24 घंटे का समय दिया गया है। मोरे से नोटिस में स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उनके खिलाफ एआइएस (डीएंडए) नियम 1969 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों शुरू न की जाए। जीएनसीटीडी की नाराजगी को उनके प्रदर्शन मूल्यांकन डोजियर में क्यों नहीं दर्ज किया जाए और काम के प्रति उनका रवैया, निर्णय लेने की क्षमता और उठाई गई चिंताओं को क्यों न दर्शाया जाए।
कौन हैं आशीष मोरे?
महाराष्ट्र के रहने वाले आशीष माधवराव मोरे का जन्म 1980 में हुआ था। मोरे 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कला संकाय की डिग्री के साथ स्नातक किया और वर्ष 2022 में सेवा सचिव के रूप में नियुक्त होने से पहले दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव के रूप में कार्य किया है। वह वर्तमान में दिल्ली सरकार के सर्विसेज डिपार्टमेंट में सचिव के पद पर हैं।
फोन व वाट्सएप मैसेज को भी किया नजरअंदाज
विभागीय मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह कदम मोरे द्वारा नए सचिव (सेवा विभाग) की तैनाती के संबंध में मंत्री के निर्देशों का पालन करने से इन्कार करने और बिना बताए कार्यालय से अनुपस्थित रहने के बाद उठाया गया था। इससे पहले 11 मई को भारद्वाज ने मोरे को इस पद से अपना स्थानांतरण करने और उनकी जगह अन्य अधिकारी की तैनाती के लिए फाइल तैयार करने का निर्देश दिया था।
मोरे ने संबंधित फाइल को उस दिन दोपहर तीन बजे से पहले पेश करने का भरोसा दिया था, लेकिन, ऐसा करने के बजाय वह किसी को सूचित किए बिना सचिवालय से गायब हो गए। मंत्री और उनके कार्यालय ने मोरे से उनके कार्यालय और मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की, पर उन्होंने किसी काल का जवाब नहीं दिया।
बाद में उन्होंने मोबाइल फोन ही बंद कर दिया। मंत्री ने उन्हें वाट्सएप मैसेज भी भेजे, पर उन्होंने उन्हें भी नजरअंदाज कर दिया। उनके निवास पर आधिकारिक नोट भी भेजा गया, लेकिन उनकी पत्नी ने कहा कि वे मोरे के बारे में नहीं जानती हैं। बाद में यह नोट उन्हें ईमेल और वाट्सएप के जरिये भी भेजा गया।
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