Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi News: क्या है दिल्ली में लागू धारा 163 जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कालकाजी मंदिर के पुजारी

    Updated: Thu, 03 Oct 2024 09:43 AM (IST)

    Section 163 Imposed in Delhi दिल्ली के कई इलाकों में BNSS की धारा 163 लागू होने से धरना-प्रदर्शन करने पर पाबंदी लग गई है। अब नवरात्र को देखते हुए कालकाजी के पुजारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। नई दिल्ली सेंट्रल दिल्ली और उत्तरी दिल्ली के अलावा दिल्ली की सभी सीमाओं पर पांच अक्टूबर तक लागू हो गई है। खबर के माध्यम से पढ़ें आखिर क्या है राजधानी में लगी धारा 163.

    Hero Image
    दिल्ली पुलिस से निषेधाज्ञा आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कालकाजी के पुजारी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी निषेधाज्ञा को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें 30 सितंबर से पांच अक्टूबर तक दिल्ली में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, धरना, विरोध प्रदर्शन आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    याचिकाकर्ता कालकाजी मंदिर के पुजारी सुनील हैं, जो मानस नमन सेवा सोसायटी से सचिव हैं। यह सोसायटी चिराग दिल्ली के सतपुला मैदान में हर साल रामलीला मेले का आयोजन कराती है।

    पुलिस के आदेश के खिलाफ SC का खटखटाया दरवाजा

    याचिकाकर्ता सुनील के मुताबिक दिल्ली पुलिस के इस आदेश के कारण तीन अक्टूबर से शुरू होने वाले रामलीला उत्सव नहीं हो पाएंगे। ऐसे में पुलिस के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।

    उन्होंने बताया कि धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण नवरात्रि का समय तीन अक्टूबर से शुरू हो रहा है। दशहरा और नवरात्रि आने वाले हैं। दिल्ली पुलिस के निषेधाज्ञा आदेश से ऐसे त्योहार और धार्मिक समारोहों पर रोक लग जाएगी।

    दिल्ली में 5 अक्टूबर तक धारा 163 लागू

    दरअसल, 30 सितंबर को दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत आदेश जारी किया कि 30 सितंबर से 5 अक्टूबर तक 6 दिनों की अवधि के लिए नई दिल्ली, उत्तर और मध्य जिलों।

    इसके अलावा दिल्ली की सीमाओं पर क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र वाले सभी थाना क्षेत्रों में पांच या अधिक अनधिकृत व्यक्तियों का जमावड़ा, आग्नेयास्त्र, बैनर, तख्तियां, लाठी, भाले, तलवार, डंडे, ईंट-पत्थर आदि लेकर चलना, किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र में धरना देना आदि प्रतिबंधित किया जाता है।

    इस आदेश के पीछे प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक, एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी चुनाव मुद्दे, डूसू चुनाव और विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन के आह्वान की बात करते हुए दिल्ली में कानून और व्यवस्था बनाए रखने का हवाला दिया गया है।

    यह भी पढ़ें: दिल्ली के अस्पताल में डॉक्टर की गोली मारकर हत्या, दो हमलावरों ने दिया वारदात को अंजाम