Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Satyendar Jain News: क्या है 571 करोड़ का CCTV फ्रॉड केस? ACB के शिकंजे में फंसे सत्येंद्र जैन, हुआ बड़ा एक्शन

    Updated: Wed, 19 Mar 2025 04:15 PM (IST)

    आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगातार लग रहे हैं। ताजा मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री Satyendar Jain फिर से कटघरे में हैं। इस बार दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के सिलसिले में रिश्वतखोरी के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने मामला दर्ज किया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...

    Hero Image
    दिल्ली सरकार के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में करोड़ों का घोटाला करने के आरोप में दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली सरकार के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सत्येंद्र जैन पर क्या है आरोप?

    70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे। परियोजना में देरी के कारण भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को सत्येंद्र जैन ने 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर मनमाने ढंग से पेनल्टी माफ किया था।

    बीईएल के अधिकारी की भूमिका की होगी जांच 

    मनमोहन पांडेय की शिकायत पर सक्षम प्राधिकारी से अनुमति मिलने के बाद एसीबी ने भ्रष्टाचार अधिनियम व आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

    उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम क धारा 17 ए के तहत मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने के सतर्कता निदेशालय के प्रस्ताव पर सहमति जताई थी ताकि एसीबी को जैन के खिलाफ केस दर्ज करने व जांच करने की मंजूरी मिल सके।

    सत्येंद्र जैन मंत्री पद से कब दिया था इस्तीफा?

    जैन को मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल जमानत पर है। फरवरी 2023 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

    एसीबी के संयुक्त आयुक्त मधुर कुमार वर्मा का कहना है कि अभी सात करोड़ रिश्वत लेकर 16 करोड़ की पेनल्टी माफ करने का आरोप है। जांच में कई अन्य घोटाले का पता लग सकता है। 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये की परियोजना का लक्ष्य रखा गया है।

    कैसे खुल गया पूरा मामला?

    परियोजना के नोडल अधिकारी सत्येंद्र जैन थे। एसीबी को शिकायत मिलने पर पहले बीईएल के अधिकारी जितेंद्र कुमार से पूछताछ की गई। 23 अगस्त 2019 को मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि तत्कालीन दिल्ली सरकार ने सीसीटीवी कैमरों की स्थापना में देरी के लिए बीईएल और उसके ठेकेदारों के खिलाफ 16 करोड़ रुपये का हर्जाना लगाया है। उसी के बाद मामला खुला।

    कितने सीसीटीवी कैमरों का मिला ऑर्डर?

    बीईएल को अतिरिक्त 1.4 लाख कैमरे लगाने के बार-बार आदेश दिए जा रहे थे। सात करोड़ रुपये की रिश्वत उन्हीं ठेकेदारों के माध्यम से दी गई, जिन्हें 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरों का ऑर्डर मिला था।

    ऐसी कई अन्य शिकायतें भी हैं, जिनमें कहा गया है कि सीसीटीवी स्थापना का पूरा प्रोजेक्ट घटिया तरीके से किया गया था और पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेने के समय भी कई सीसीटीवी कैमरे खराब थे। रिश्वत का भुगतान विभिन्न ठेकेदारों के माध्यम से किया गया था, जिसके बाद ठेकेदारों को दिए गए ऑर्डर को भी बढ़ा दिया गया।

    मधुर वर्मा का कहना है कि पीडब्ल्यूडी और बीईएल से घोटाले से संबंधित दस्तावेज प्राप्त किए जा रहे हैं और उनकी जांच की जा रही है। पूरी साजिश का पता लगाने के लिए तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री और बीईएल के अधिकारियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी गई है।

    comedy show banner
    comedy show banner