नींद से जागा सिंचाई विभाग, अब बनाया अस्थायी नाला; खजूरी थाने के आसपास की सड़कों पर भरा रहता था गंदा पानी
खजूरी थाने के बाहर सड़कों पर भरे पानी की समस्या अब कम हो रही है। सिंचाई विभाग ने अस्थायी नाला बनाकर पानी निकालना शुरू कर दिया है। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जिसके बाद विभाग ने कार्रवाई की। पुलिसकर्मियों को दीवार फांदकर थाने में प्रवेश करना पड़ रहा है और फरियादियों को भी परेशानी हो रही है।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। खजूरी थाने के बाहर व आसपास की सड़कों पर एक साल से भरा नाले का पानी कम होना शुरू हो गया है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने खजूरी में एनएचएआई के नाले को तोड़कर उसमें सड़क के पानी को पंप के जरिये बहा रहा है।
इसके साथ ही इस नाले के समानांतर एक अस्थायी कच्चा नाला बनाया है। दैनिक जागरण इस समस्या को शुरुआत से गंभीरता से उठा रहा है। सरकारी विभागों की खामियों को चोट कर रहा है। जागरण की खबरों को विभाग ने गंभीरता से लिया है। उम्मीद है अस्थायी नाले के बनने के बाद कुछ माह में पानी पूरी तरह से सड़कों से हट जाएगा। अभी पक्का नाला बनने के लिए टेंडर नहीं हुआ है।
करीब आठ माह के बाद जाकर सड़कों से पानी कुछ होना शुरू हुआ है। खजूरी में पहले आरएएफ कैंप से लेकर राजीव कालोनी तक सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का खुला नाला बना हुआ था। एनएचएआइ ने लापरवाही दिखाते हुए उस नाले को अंडरग्राउंड कर दिया था।
इससे सड़क पर पानी भरा हुआ है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सोमनाथ कश्यप ने बताया कि दस पंप के जरिये सड़क से पानी को हटाया जा रहा है। मशीनों के जरिये सड़क को खोदर एक अस्थायी नाला बनाया गया है, उस नाले में पंप के जरिये पानी डाला जा रहा है।
खजूरी थाने के गेट पर जमा है पानी, दीवार चढ़कर जाते हैं पुलिसकर्मी
खजूरी थाने के गेट के बाहर ज्यादा पानी भरा हुआ है। यहां तैनात पुलिसकर्मियों के हालात ऐसे हो गए हैं कि अपने ही थाने में उन्हें चोरों की तरह दीवार चढ़कर जाना पड़ रहा है। छह फुट ऊंची दीवार पर चढ़कर व कटीले तारों से बचते हुए जान को जोखिम में डालकर थाने में पीछे के रास्ते से जा रहे हैं।
पुलिसकर्मियों ने अपने जीवन में कभी सोचा नहीं था कि सरकारी नौकरी में होने के बाद भी देश की राजधानी में उन्हें इस तरह से अपने ही थाने में जाना पड़ेगा। दीवार चढ़कर वह पुलिसकर्मी जा रहे हैं, जिनके पास वाहन नहीं है।
थाने का परिसर भी इतना बड़ा नहीं है कि उसमें सभी के वाहन खड़े हो सकें। पुलिसकर्मियों का कहना है कि गृह मंत्रालय दिल्ली में है, दिल्ली पुलिस गृहमंत्री के अधीन है। सरकारी महकमे में होने की वजह से वह अपनी बेबसी भी किसी को बयां नहीं कर पा रहे हैं। थाने में आने वाले फरियादी पानी के बीच से होकर आते हैं।
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