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    VIDEO: यमुना का पानी इतना साफ कभी नहीं देखा होगा, लॉकडाउन के चलते हुआ ये 'करिश्‍मा'

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Sun, 05 Apr 2020 01:57 PM (IST)

    भारत में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन से जहां आबोहवा साफ हो गई है वहीं जीवनदायिनी यमुना को भी नई सांस मिली है।

    VIDEO: यमुना का पानी इतना साफ कभी नहीं देखा होगा, लॉकडाउन के चलते हुआ ये 'करिश्‍मा'

    नई दिल्‍ली, जागरण ब्‍यूरो। भारत में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन से जहां आबोहवा साफ हो गई है, वहीं जीवनदायिनी यमुना को भी नई सांस मिली है। दिल्ली में यमुना का पानी इन दिनों बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है। पानी में बदबू व दूर-दूर तक गंदगी का एहसास नहीं होता। यमुना की लहरें भी उसकी स्वच्छता को तसदीक कर रही हैं। विशेषज्ञ भी कहते हैं कि उन्होंने सोचा भी नहीं था कि दिल्ली में ऐसी स्वच्छ यमुना दिखाई देगी। इसका कारण लॉकडाउन के कारण औद्योगिक इकाइयों का बंद होना बताया जा रहा है। औद्योगिक इकाइयां बंद होने से यमुना में औद्योगिक कचरा गिरना बंद हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यमुना से पानी के सैंपल उठवाएं हैं। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता चल सकेगा कि यमुना के पानी की गुणवत्ता कितनी अच्छी हुई है।

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    दिल्‍ली जल बोर्ड भी उत्‍साहित

    वहीं जल बोर्ड के अधिकारी भी मानते हैं कि यमुना का पानी इन दिनों पहले के मुकाबले काफी साफ है। इसलिए जल बोर्ड ने भी यमुना से सैंपल उठाकर पानी की गुणवत्ता जांच करने का फैसला किया है। आमतौर पर दिल्ली में यमुना मैली होने का सबसे बड़ा कारण सीवरेज का कचरा माना जाता रहा है। वैसे भी वजीराबाद तक यमुना का पानी काफी हद तक साफ होता है। वजीराबाद से ओखला के बीच यमुना के पानी में गंदगी अधिक होती है। इसमें इतनी बदबू होती है कि यमुना किनारे थोड़ी देर खड़ा होना भी आसान नहीं होता। इन दिनों ऐसी समस्या महसूस नहीं की जा रही है। यमुना जिये अभियान के संयोजक मनोज मिश्र ने कहा कि सोचा भी नहीं था कि दिल्ली में यमुना इतनी साफ नजर आएगी। स्थिति स्पष्ट बताती है कि असल समस्या औद्योगिक कचरे से है, जिस पर अभी तक खास ध्यान नहीं दिया गया, क्योंकि सीवेज तो अभी भी यमुना में गिर ही रहा है। फिर भी यमुना का पानी साफ दिखना हैरान करने वाला है।

     

    ...तो साफ हो सकती है युमना नदी

    इसलिए औद्योगिक इकाइयों से यमुना में गिरने वाले कचरे पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा इन दिनों यमुना में ठोस कचरा भी नहीं गिराया जा रहा है। बहरहाल, यमुना में दिल्ली का भी औद्योगिक कचरा नालों के जरिये यमुना में पहुंचता है। जल बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि हरियाणा से नजफगढ़ नाले के जरिये भारी मात्र में औद्योगिक यमुना में गिरता है, जो इन दिनों बंद है। यमुना का पानी साफ होने का यह भी कारण हो सकता है।

    भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी रही

    यमुना नदी भारतवासियों के लिए बहुत पवित्र नदी ही नहीं, अपितु मां भी कहलाती है मगर इसमें नालों व प्रदूषित जल बहाने से यमुना अपने असली रंग से बदरंग हो चली है। इन दिनों संपूर्ण देश में लॉकडाउन की वजह से सारी फैक्टियां बंद हैं, जिससे प्रदूषित पानी आजकल इसमें नही बहाया जा रहा है। उसी की वजह से इन दिनों यमुना अपने असली नीले रंग को लेकर कलकल बह रही है।

    इन दिनों बहाव भी है बेहतर

    औद्योगिक कचरा गिरना बंद होने के साथ ही इन दिनों यमुना में बहाव भी बेहतर है, क्योंकि हथनी कुंड बैराज से अभी पानी अधिक आ रहा है। इसलिए वजीराबाद बैराज के नीचे भी जल बोर्ड प्रतिदिन 6000 क्यूसेक पानी छोड़ रहा है। इसलिए नदी में पानी का बहाव भी बना हुआ है। अधिकारी कहते हैं कि इतना पानी छोड़ने के बावजूद यमुना के पानी में गंदगी होती थी। इसलिए जल बोर्ड भी रविवार से पानी का सैंपल उठाएगा और उसकी गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि अभी यमुना के पानी की गुणवत्ता की क्या स्थिति है। पहले कौन-कौन से प्रदूषक तत्व कितनी मात्र में होते थे और अभी क्या स्थिति है।