डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सामने रो पड़ी एक छात्रा, वजह जानने के लिए देखें पूरा वीडियो
दिल्ली में एक समारोह के दौरान कई छात्राओं ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत अपने उद्यमशीलता के अनुभव साझा ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार के बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की चारों ओर तारीफ हो रही है। इस प्रोग्राम के जरिये कई प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं अपने हुनर के जरिये अपनी चमक बिखरने के तैयार दिखाई दे रहे हैं। इस बीच बुधवार को समारोह के दौरान कई छात्राओं ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से अपने उद्यमशीलता के अनुभव साझा किए। इस दौरान कई छाात्रएं भावुक हो गईं। एक छात्रा वंशिका तो रो पड़ी। इस पर मनीष सिसोदिया ने पूछा कि क्यों रो रही है, वंशिका ने कहा कि इससे पहले टेलीविजन पर देखा था अब सामने मिल रही हूं...इसलिए भावुक हो गई।
बुधवार को पुष्प विहार स्थित गवर्नमेंट गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 11वीं कक्षा की कुछ छात्रओं से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाद किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए बिजनेस ब्लास्टर सुनहरा मौका है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार का बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्रामयहां के सरकारी स्कूलों की छात्रओं के सशक्तीकरण की दिशा में नई इबारत रच रहा है। सरकार से मिली सीड मनी से लड़कियां अपना व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
अपने अनुभव साझा करते हुए छात्र रिया ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने मास्क का बिजनेस शुरू किया। 2000 की सीड मनी से मास्क के लिए कपड़े खरीदे और मास्क बनवाकर आनलाइन व पड़ोस की दुकान पर बेचना शुरू कर दिया। दो माह में रिया ने 10 हजार रुपये कमा लिए। रिया ने खुद के साथ ही पड़ोस के दर्जी के लिए भी रोजगार खड़ा कर दिया। वहीं, खुशी और लीजा ने बताया कि उन्होंने बेकरी का बिजनेस शुरू किया और दो माह में पांच हजार रुपये कमाए और पड़ोस की 10 महिलाओं को भी रोजगार दिया।
बेटियाँ…. कितना प्यार करती हैं….
कभी कभी लगता है… एक बेटी नही दी
फिर लगता है… शिक्षा मंत्री बनाकर इतनी सारी दे दीं ..
कैसे शुक्रिया अदा करूँ हे ईश्वर 🙏🏻🙏🏻 pic.twitter.com/0oGqWYIImj
— Manish Sisodia (@msisodia) December 22, 2021
आकृति ने बताया कि उनके पिता इंजीनियर हैं। कोरोना के दौरान पिता की नौकरी छूट गई। आकृति ने सीड मनी से पुराने जार व बोतल जुटाकर उन पर पेंटिंग बनाकर आनलाइन बेचना शुरू कर दिया और दो माह में 12 हजार रुपये कमा लिए। उपमुख्यमंत्री से मिलकर भावुक हुई वंशिका ने बताया कि उन्होंने चार छात्राओं का ग्रुप बनाकर कुल आठ हजार की सीड मनी से पुराने कपड़ों को रिफर्बिश्ड करने का स्टार्टअप शुरू किया। अब वह अच्छी कमाई कर रही हैं, वहीं नैना सूर्यवंशी मनीष सिसोदिया को अपना प्रेरणास्नोत बताती हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।