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    दिल्ली के इस इलाके में जमीन धंसने के बाद कई इमारतों में आईं दरारें, आसपास में रहने वाले लोग चिंतित

    By Edited By: Shyamji Tiwari
    Updated: Thu, 28 Sep 2023 10:31 PM (IST)

    दिल्ली के विश्राम चौक के इर्दगिर्द रहने वाले लोगों में बेचैनी है। चौक के 50 मीटर के दायरे में कई इमारतों में दरारें बढ़ती जा रही हैं। दो इमारतें एक ओर झुकने लगी हैं। गत जून महीने में विश्राम चौक पर जमीन धंसने की वजह से बने 10-12 फीट गहरे गड्ढे को पीडब्ल्यूडी विभाग ने मलबा डालकर भर दिया लेकिन जमीन धंसने का सिलसिला अब भी नहीं रूक पाया है।

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    दिल्ली के इस इलाके में जमीन धंसने के बाद कई इमारतों में दरारें

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। रोहिणी क्षेत्र के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक विश्राम चौक के इर्दगिर्द रहने वाले लोगों में बेचैनी है। चौक के आसपास जमीन के धंसने के क्रम के न रूकने के कारण लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। चौक के 50 मीटर के दायरे में कई इमारतों में दरारें बढ़ती जा रही हैं। दो इमारतें एक ओर झुकने लगी हैं।

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    पिलर लगाकर खतरे को कम करने की कोशिश

    एक इमारत मालिक ने ऐहतियात के तौर पर लोहे के पिलर लगाकर खतरे को कम करने की कोशिश की है। रोड धंसने की घटना के बाद पिछले साल नगर निगम ने एक इमारत को असुरक्षित घोषित कर नोटिस भी जारी करना पड़ा था। विश्राम चौक से अयोध्या चौक के बीच कुछ जगहों पर रोड आंशिक तौर पर धंस गया है।

    गत जून महीने में विश्राम चौक पर जमीन धंसने की वजह से बने 10-12 फीट गहरे गड्ढे को पीडब्ल्यूडी विभाग ने मलबा डालकर भर दिया, लेकिन जमीन धंसने का सिलसिला अब भी नहीं रूक पाया है। इस कारण हर एक-दो सप्ताह में गड्ढे में मलबा डालना पड़ रहा है।

    जमीन धंसने का नहीं थम रहा सिलसिला

    इलाके के लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि तमाम प्रयास के बावजूद जमीन धंसने का सिलसिला थम नहीं रहा है और सड़क और चौक के आसपास बनी इमारतों में दरारें बढ़ती जा रही हैं। ज्ञान सुधा अपार्टमेंट मार्केट में पिछले सप्ताह फर्श धंस गया। इसी तरह विश्राम चौक से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर अयोध्या चौक की ओर जाने वाले पर रोड धंसने के बाद मलबा डाला गया है।

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    ज्ञान सुधा अपार्टमेंट के महासचिव केजी बंसल व संयुक्त सचिव अशोक भाटिया ने बताया कि जिस तरह से विश्राम चौक के आसपास लगातार जमीन धंस रही है, उससे आसपास रहने वाले लोगों में भय का माहौल है। हर दो-चार दिन में मिट्टी-मलबा डाला जा रहा है और मिटी-मलबा लगातार जमीन से समा रहा है। जमीन के धंसने के कारण इमारतों में दरार आने लगी हैं।

    भारी वाहनों से घर में महसूस होता कंपन

    स्थानीय निवासी रमेश सांकला ने बताया कि भारी वाहन सड़क से गुजरता है तो घर में कंपन महसूस होती है।हमेशा दहशत में रहना पड़ रहा है।समाधान के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। करीब 40 साल पहले डाली गई ट्रंक सीवर लाइन लीक होने के कारण विश्राम चौक पर जमीन धंस रही है।

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    समस्या की पड़ताल करने वाली दिल्ली जल बोर्ड की टीम के एक अधिकारी ने बताया कि दो से ढाई मीटर परिधि की सीवर लाइन करीब 40 साल पहले डाली गई थी, अब यह लाइन तीन जगह से टूटी हुई और लगातार पानी निकल रहा है। अब लाइन की मरम्मत नहीं की जा सकती है।नई पाइप लाइन डालने के बाद ही समस्या खत्म होगी। उन्होंने बताया कि नई लाइन का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों के पास भेज दिया है। मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।

    इसलिए पड़ा चौराहे का नाम विश्राम चौक

    जिस जगह अब विश्राम चौक है, वहां 50-60 साल पहले कुआं और तालाब था।राहगीर यहां कुएं पर पानी पीने रूकते थे और विश्राम भी करते थे। समय के साथ कुएं और तालाब का अस्तित्व तो मिट गया, लेकिन इस जगह का नाम तब से ही विश्राम चौक चला आ रहा है।

    चौक के साथ लगते रोहिणी सेक्टर-3, सेक्टर-4,सेक्टर-5 व सेक्टर-6 के दर्जनभर मकानों में दरार आई है।कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।दो-तीन बार मरम्मत के बाद समस्या का हल नहीं निकल पाया। इस खानापूर्ति के कारण जनता का पैसा भी बर्बाद हाे रहा है। बार-बार जमीन धंसने से जनता परेशान है। -धर्मवीर शर्मा, निगम पार्षद, वार्ड-31