VHP ने लिया संकल्प : भाषा और प्रांत के नाम पर हिंदुओं को बंटने नहीं देंगे, एकजुट रहने की अपील की
विश्व हिंदू परिषद (विहिप/VHP) ने भाषा और प्रांत के नाम पर हिंदुओं को विभाजित करने के प्रयासों का विरोध करने का संकल्प लिया है। महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों पर हमलों के बीच विहिप ने एक प्रस्ताव पारित कर जाति भाषा और क्षेत्र के आधार पर विभाजनकारी मानसिकता की आलोचना की है। विहिप ने हिंदू समाज से एकजुट रहने और भेदभावों को समाप्त करने का आग्रह किया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा हिंदी भाषियों पर हमले के बीच विहिप ने भाषा व प्रांत के नाम पर हिंदुओं को नहीं बंटने देने का संकल्प लिया है। इस संबंध में केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है, जिसमें जाति, भाषा, प्रांत, क्षेत्र व लिंग इत्यादि के आधार पर हिंदू समाज के विविध घटकों को अलग-अलग करने की विभाजनकारी मानसिकता की आलोचना की गई है। यह बैठक में महाराष्ट्र के जलगांव में चल रही है।
'नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में समाविष्ट'
बैठक के अंतिम दिन पारित प्रस्ताव में हिंदू समाज से आह्वान करते हुए कहा गया है कि वो 'विखंडनकारी शक्तियों को पहचान कर अपने अंतर्निहित भेदभावों को जड़मूल से समाप्त करें।' इसमें सरकारों से भी 'नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में समाविष्ट' करने का आह्वान किया गया है।
कोई ऊंचा नीचा नहीं
बाद में पत्रकार वार्ता में विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि कभी पीडीए तो कभी मीम - भीम, कभी आर्य-द्रविड़ तो कभी महिषासुर-दुर्गा, कभी भाषा-जाति तो कभी राज्य व क्षेत्रवाद, तो कभी ओआरपी जैसे मुद्दों के माध्यम से कुछ हिंदू द्रोही शक्तियां हिंदू समाज की एक जुटता को तोड़ने में लगी हैं। हमने 1969 में ही संकल्प लिया था कि 'हिन्दवा: सोदरा सर्वे, ना हिंदू पतित भवेत्' अर्थात् हिंदू हम सब भाई हैं। कोई ऊंचा नीचा नहीं है। हम हिंदू द्रोहियों के विभाजनकारी षड्यंत्रों को फलीभूत नहीं होने देंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।