'लोकतंत्र का हो रहा शुद्धिकरण', बिहार में SIR पर चुनाव आयोग को मिला VHP का साथ; देशभर में लागू करने की मांग
Bihar SIR बिहार में एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग विपक्ष के निशाने पर है वहीं विहिप ने चुनाव आयोग की सराहना की है। विहिप ने कहा कि मतदाता सूचियों को शुद्ध करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि जो लोग इस राष्ट्रीय कार्य में अवरोध बन रहे हैं उनकी मानसिकता को देश भली भांति समझ रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Bihar voter list: बिहार में एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग विपक्ष के निशाने पर है। लगातार चुनावों में मिल रही कांग्रेस पार्टी तथा उनके इंडी गठबंधन को हार का ठीकरा वह चुनाव आयोग पर फोड़ रहे हैं। वहीं, देश के बड़े संगठन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस मामले में चुनाव आयोग के बिहार में एसआईआर की सराहना करते हुए साथ खड़ी हुई है।
आगे बढ़कर मांग की है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। विहिप ने कहा, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का शुद्धिकरण हो रहा है। यह पूरे देश में होना चाहिए। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि गहन जांच कर मतदाता सूचियों को शुद्ध करना चुनाव आयोग का ना सिर्फ अधिकार बल्कि कर्तव्य भी है।
जो लोग इस राष्ट्रीय कार्य में अवरोध बन रहे हैं उनकी मानसिकता को देश भली भांति समझ रहा है। वे सभी वही हैं जो विदेशियों और घुसपैठियों के बल पर अभी तक राज्य सत्ता या राजनीति पर अनधिकृत तरीके से कब्जा जमाए बैठे हैं।
आंख मूंदकर विदेशियों और अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची में शामिल करने या उन्हें जारी रखने से भारतीय लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक स्थिति बनती जा रही थी, जिसका निदान चुनाव आयोग ने किया है।
अब इस शुद्धि आंदोलन के विरोधियों को यह डर सता रहा है कि घुसपैठिए गए तो वे भी गए..!! किंतु बिहार ही नहीं, संपूर्ण भारत की मतदाता सूचियों को विशुद्ध रूप से भारतीय बनाया जाना बहुत आवश्यक है। हमें आशा है कि चुनाव आयोग इस पावन राष्ट्रीय कार्य को द्रुत गति प्रदान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को घुसपैठियों से मुक्त करेगा।
बंसल ने कहा कि कुछ लोकतंत्र विरोधी दल ये यह तो राग अलाप रहे हैं कि बिहार की नई वोटर लिस्ट से इतने लाख वोटर निकल गए लेकिन वे यह क्यों नहीं बता रहे कि खदेड़े गए सभी लोग या तो फर्जी वोटर थे, या डुप्लीकेट और या फिर विदेशी घुसपैठिए।
यदि कोई वास्तविक वोटर किसी भूलवश आउट हुआ भी हो, तो उसे आसानी से पुनः मतदाता सूची में शामिल किया जा सकता है। आज सभी राजनैतिक दलों की यह जिम्मेदारी है कि वे चुनाव आयोग के इस कदम में सहयोगी बनकर नई सूचियों की जांचकर उसमें यदि कोई न्यूनता हो तो उसे समय से ठीक कराएं, ना कि संवैधानिक संस्था पर हमला कर जनता की परेशानी का कारक बनें।
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