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    दिल्ली में प्रदूषण हुआ खतरनाक, एक हफ्ते तक राहत के आसार नहीं

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sun, 06 Nov 2016 10:13 AM (IST)

    मौसम के बदले मिजाज से पैदा हुई एयर लॉक (हवा स्थिर) की स्थिति ने वायुमंडल में प्रदूषण के स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूरी तरह रोक दिया है।

    नई दिल्ली (जेएनएन)। स्मॉग से परेशान दिल्ली-एनसीआर के लोगों को फिलहाल एक सप्ताह तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम के बदले मिजाज से पैदा हुई एयर लॉक (हवा स्थिर) की स्थिति ने वायुमंडल में प्रदूषण के स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूरी तरह रोक दिया है।

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    मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो सात नवंबर के बाद हवा का असर दिखेगा, लेकिन यह आंशिक राहत ही लाएगा। शनिवार को राजधानी में प्रदूषण का स्तर सामान्य से चार से पांच गुना अधिक रहा।

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    स्काई मेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि दिवाली के बाद से ही हवा का बहाव पूरी तरह थम गया है। इस कारण पटाखों के धुएं, कचरे में आग और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने से पनपा प्रदूषण करीब एक सप्ताह बाद भी नहीं छंटा है। 13 नवंबर तक यही स्थिति बनी रहेगी।

    सूर्य की रोशनी भी इस दौरान प्रभावित रहेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक राजधानी में ठंड का असर शुरू हो चुका है। शनिवार को सफदरजंग मौसम विज्ञान केंद्र पर अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 28.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 15.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।

    हवा न चलने से मौसम प्रदूषण के लिए अनुकूल बना हुआ है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फार कास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार शनिवार को पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 355 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) और पीएम 10 का स्तर 482 एमजीसीएम रिकॉर्ड हुआ।

    पीएम 10 के लिए सामान्य स्तर 100 एमजीसीएम व पीएम 2.5 के लिए 60 एमजीसीएम निर्धारित है। सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट की अनुमिता राय चौधरी बताती हैं कि दिवाली पर दिल्ली में प्रदूषकों के मिश्रण की ऊंचाई दिन में 492 मीटर और रात में 152 मीटर थी और इसमें अधिक सुधार नहीं हुआ है।

    मिश्रण की ऊंचाई न बढ़ने और हवा के बंद रहने के चलते दिवाली पर पैदा हुए प्रदूषण और उसके बाद वाहनों धुएं, धूल व खुले में आग के चलते हो रहे स्थिति खराब होती जा रही है।

    विशेषज्ञों के अनुसार, आगामी 7 नवंबर के आसपास हवा 10 से 12 किलोमीटर की तेजी से चलेगी और इसके बाद 12-13 नवंबर से 20 से 25 किलोमीटर की तेजी दिख सकती है। हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी और रफ्तार 20 किमी के आसपास रहने पर ही पीएम 2.5 व 10 आगे की ओर स्थानांतरित होंगे।