दिल्ली में वैट कटौती की मांग लेकर पेट्रोल पंप सीएम के पास पहुंचे, सीएम ने वैट दरों पर तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी
दिल्ली के पेट्रोल पंप संचालकों ने मुख्यमंत्री से वैट दरों में कटौती करने की मांग की। कहा कि वैट की ऊंची दरों से दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की बिक्री कम हो रही है। सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर रिपोर्ट मांगी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: पेट्रोल पंप संचालकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिला और उनसे पेट्रोल-डीजल में वैट दरों में कटौती की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया कि बढ़ी वैट दरों और सेस से दिल्ली में पेट्रो पदार्थों की बिक्री व सरकार के राजस्व पर बुरा असर डाल रहा है।
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि बिक्री और राजस्व पड़ोसी राज्यों में जा रही है।
सीएम ने वैट दरों को लेकर अंतरराज्यीय तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी
मुलाकात बाद डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों और चिंताओं को गंभीरता से लिया तथा वैट दरों को लेकर अंतरराज्यीय तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी है।
निश्चल सिंघानिया ने बताया कि पिछले 10 वर्ष में दिल्ली के वाहनों की संख्या में कई गुना की बढ़ोत्तरी हुई है, उसमें डीजल की बिक्री बढ़नी चाहिए, लेकिन उसकी खपत तथा राजस्व में काफी कमी आई है।
वर्ष 2010 के मुकाबले डीजल की बिक्री में आई 64 प्रतिशत की गिरावट
वर्ष 2010 में जहां प्रतिमाह 12.44 करोड़ लीटर डीजल की बिक्री होती थी वहीं, वर्तमान में यह 64 प्रतिशत की गिरावट के साथ मात्र 4.50 करोड़ लीटर रह गई है।
इसी तरह, इससे राजस्व भी प्रति माह 70 कराेड़ की जगह घटकर 54 करोड़ रुपये रह गया है। जबकि, इस अवधि में उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्य में डीजल की बिक्री में 65.67 प्रतिशत का उछाल आया है।
पेट्रोल पर 19.40 प्रतिशत और डीजल पर 16.75 प्रतिशत है वैट
पेट्रोल की बिक्री में जहां पिछले 10 वर्ष में दिल्ली में 24.55 प्रतिशत की ही बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, हरियाणा में 97 प्रतिशत तथा उप्र में 166 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
यह आंकड़े बताने के लिए काफी है कि दिल्ली में वैट समेत सेस में बढ़ोत्तरी से पेट्रोल डीजल की बिक्री पर खासा प्रभाव पड़ा है।
मौजूदा वक्त में पेट्रोल पर 19.40 प्रतिशत तथा डीजल पर 25 पैसे प्रति लीटर सेस व 16.75 प्रतिशत वैट है।
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