Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश का बुलडोजर दिल्ली में मचा रहा शोर, 15 हजार रुपये घंटा है किराया
उत्तर प्रदेश का बुलडोजर दिल्ली की सियासत में शोर मचा रहा है। इसका किराया 15 हजार रुपये घंटा है। हाल ही में नामांकन व भाजपा के प्रत्याशियों के रोड शो में कार्यकर्ता बुलडोजर लेकर पहुंचे थे। बुलडोजर की राजनीति को भूमाफिया व गुंडागर्दी के खिलाफ कार्रवाई का हथियार माना जाता है। दिल्ली में छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है।
अजय राय, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सियासी रण में योगी फैक्टर हावी दिखने लगा है। उत्तर-प्रदेश से राजनीति के केंद्र में आए बुलडोजर की उपस्थिति राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति में नजर आ रही है। यहां छठे चरण में 25 मई को चुनाव होना है, फिलहाल नामांकन का दौर आज समाप्त हो रहा है।
भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन जुलूस में बुलडोजर भी शामिल किया गया। गाजे-बाजे व फूल माला के साथ उसकी एंट्री नामांकन के दौरान हुई। कार्यकर्ता भी इस पर सवार होकर उत्साह में दिखे। दिल्ली में मतदान की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे चुनाव प्रचार जोर पकड़ता दिख रहा है।
भाजपा के प्रचार में बुलडोजर भी अहम भूमिका में
अधिकांश क्षेत्र शहरी होने के कारण यहां प्रत्याशी या स्टार प्रचारक अपने वाहनों से ही माहौल बनाने में जुटे हैं। लेकिन, भाजपा के प्रचार में बुलडोजर भी अहम भूमिका में है। दिल्ली की सातों संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशियों ने नामांकन कर दिया है।बांसुरी स्वराज के नामांकन में नहीं दिखा बुलडोजर
इन प्रत्याशियों में से छह के नामांकन जुलूस में बुलडोजर को ढोल नगाड़े, फूल मालाओं के साथ शामिल किया गया। सिर्फ नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से बांसुरी स्वराज के नामांकन में बुलडोजर नहीं दिखा।
दिल्ली में भाजपा प्रत्याशी के रूप में सबसे पहले पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से योगेंद्र चांदोलिया के नामांकन जुलूस में बुलडोजर को शामिल हुआ। इसके बाद अन्य भाजपा प्रत्याशियों ने भी इसे नामांकन जुलूस का अहम हिस्सा बना लिया।
नामांकन जुलूस में बुलडोजर पर की गई पुष्प वर्षा
पश्चिमी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी कमलजीत सहरावत के नामांकन जुलूस में बुलडोजर पर पुष्प वर्षा की गई और उसके लोडर पर कुछ कार्यकर्ताओं को बैठाकर घुमाया भी गया। कार्यकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र होने के साथ प्रत्याशियों ने दिल्ली के रण में योगी माडल को प्रस्तुत किया।
उप्र में बुलडोजर का भूमाफिया और गुंडागर्दी के खिलाफ खूब इस्तेमाल हुआ है, लेकिन दिल्ली में इसका किस रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, यह कहना मुश्किल है। प्रत्याशियों का मानना है कि बुलडोजर कानून व्यवस्था और अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई का प्रतीक बन गया है।इससे मतदाताओं मे एक संदेश जाता है कि वे सुरक्षित हैं और कोई मनमानी करने की कोशिश करेगा तो उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा। हालांकि, दिल्ली के सियासी रण में भले ही इस बार बुलडोजर की एंट्री हुई है, लेकिन सियासत इस पर दो साल पहले भी खूब हुई थी।
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