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    Wayanad Landslide: वायनाड प्राकृतिक आपदा में मारे गए अनाम लोगों के अस्थि कलश हरिद्वार में होगा विसर्जित

    Wayanad Landslide केरल के वायनाड शहर में आए प्राकृतिक आपदा में सैकड़ों लोग मारे गए। हजारों बेघर हो गए। अब इसको देखते हुए श्री देवोत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नरेन्द्र ने कहा कि उन लोगों के शवों के अस्थि कलशों को हरिद्वार में विसर्जित किया जाएगा जो अनाम हैं। मतलब जिनकी कोई पहचान नहीं हो पाई है। नरेंद्र ने सबको अपनी संवेदना भी दी।

    By Nimish Hemant Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 14 Aug 2024 01:07 PM (IST)
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    Wayanad Landslide : केरल के वायनाड में प्राकृतिक आपदा में कई लोग मारे गए।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केरल के वायनाड प्राकृतिक आपदा में मारे गए अनाम लोगों के अस्थि कलशों का विसर्जन विधि विधान पूर्वक हरिद्वार में किया जाएगा। ऐसे में अस्थि कलश को लाने दिल्ली से एक प्रतिनिधिमंडल केरल जाएगा।

    प्राकृतिक आपदा में मारे गए अनामी शवों का होगा दाह संस्कार

    श्री देवोत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नरेन्द्र ने केरल के वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा में मारे गए सैकड़ों नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने इस संदर्भ में इस प्राकृतिक आपदा में मारे गए अनामी शवों के दाह संस्कार और अस्थि कलशों को वहां से लाकर कनखल, सतीघाट, हरिद्वार में मां गंगा के आंचल में मोक्ष कराने के संकल्प को दोहराया है।

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    जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल यहां से केरला भेजा जाएगा-नरेन्द्र

    नरेन्द्र ने कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल यहां से केरला (Kerala Landslide) भेजा जाएगा, जो वहां की सरकार से बात करके इन कलशों को सम्मानपूर्वक लाकर उनको मोक्ष कराने का काम करेगी। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री विजय शर्मा ने बताया कि दक्षिण भारत के इस राज्य में भाषा को समझने में कठिनाई ना हो, इसके लिए समिति के दक्षिण भारत प्रमुख एडवोकेट एचपी राव को इसकी जिम्मेदारी दी गई है, जिसे वो कानून सम्मत समझकर अनाम अस्थि कलशों को लाने की प्रक्रिया करेंगे।

    विजय शर्मा ने कहा,कि इस कार्य के लिए एडवोकेट राणा कुशल पाल सिंह, सिंधु एएस, अमित जैन और देवेन्द्र सिंह को नियुक्त किया गया है। गौरतलब है,कि समिति पिछले 22 वर्षों में पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू सिख भाईयो के कुल 295 अस्थि कलशों के साथ करीब 1,61,161 अनाम लोगों के अस्थि कलशों को वैदिक रीति के अनुसार प्रतिवर्ष पितृपक्ष के दो दिनो में 100 किलो दूध की धारा के साथ उनका विसर्जन करती आ रही है।

    इस बार भी यह यात्रा 27 सितम्बर को शुक्रवार को बैंड-बाजों व भव्य झांकियों के साथ हजारों अस्थि कलशों के साथ हरिद्वार के लिए रवाना होगी, जहां 28 सितंबर को सभी अस्थि कलशों का सतीघाट, कनखल, हरिद्वार में विसर्जन किया जाएगा। बैठक में संगठन मंत्री दीपक गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी ने भी अपनी बात रखी।

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