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    UPSC Result 2021: तीसरे प्रयास में अंजलि शर्मा को मिला सफलता, बताया- कैसे करें परीक्षा की तैयारी

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Tue, 31 May 2022 09:05 PM (IST)

    अंजलि बताती हैं कि 12वीं कक्षा में ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बना लिया था। कालेज के तीसरे वर्ष में मैंने पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ तैयारी शुरू कर दी थी। शुरुआत में मैंने अखबार में संपादकीय लेख पढ़ना शुरू किया।

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    सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 185वीं रैंक हासिल की है।

    नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। UPSC Result 2021 : लगातार तीसरे प्रयास के बाद पालम की अंजलि शर्मा ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली है। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 185वीं रैंक हासिल की है। अंजलि फिलहाल भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड में सुपरवाइजर पद पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। इन्होंने लेडी श्रीराम कालेज से बीकाम और दिल्ली स्कूल आफ इकोनामिक्स से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।

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    12वीं के बाद ही बना लिया था मन

    अंजलि बताती हैं कि 12वीं कक्षा में ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बना लिया था। कालेज के तीसरे वर्ष में मैंने पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ तैयारी शुरू कर दी थी। शुरुआत में मैंने अखबार में संपादकीय लेख पढ़ना शुरू किया। इसके अलावा परीक्षा के स्वभाव को समझाने व जानने के लिए मैंने 2018 में कोचिंग की मदद ली। हालांकि कोचिंग पर्याप्त नहीं है, खुद से निरंतर पढ़ाई परीक्षा में उत्तीर्ण करने के लिए बेहद जरूरी है।

    अभ्यास में कमी के कारण पहले प्रयास में नहीं मिला मुकाम

    अंजलि बताती हैं कि अभ्यास में कमी के कारण मैं पहले प्रयास के दौरान पहले पड़ाव को भी पार नहीं कर पाई। मैंने फिर तैयारी आरंभ की और मेरी कोशिश रही मैं पढ़ाई को बोझिल नहीं बनने दूं। कोचिंग के दाैरान समय का सदुपयोग करते हुए मैं सुबह ही घर से निकल जाती थी और वहां लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ती और शाम को कोचिंग करके रात नौ बजे घर लौटती।

    महिला सशक्तिकरण पर काम करने की है इच्छा

    दिन की शुरुआत के साथ ही मैं यह तय कर लेती थी कि आज कौन-कौन सा विषय पढ़ना है। अगर कोई विषय रह जाता था तो उसे रविवार को पढ़ती थी। कामर्स मेरा वैकल्पिक विषय रहा। अंजलि का कहना हैं कि अगर मौका मिलेगा तो मैं महिला सशक्तिकरण, शिक्षा व पर्यावरण इन तीन क्षेत्रों में काम करना चाहूंगी। असल में मैं मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हूं। हालांकि, अब हरियाणा के लोगों की सोच में काफी बदलाव आ गया है पर अभी भी कुछ हिस्से में महिलाओं को ज्यादा पढ़ने की अनुमति नहीं है। कम उम्र में उनकी शादी कर दी जाती है। यदि कोने-कोने में शिक्षा का उजियारा होगा तो हमारा देश विकासशील देशों की श्रेणी से निकलकर विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।