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    UPSC Prelims 2022: जीएस पर ऐसे बनाएं मजबूत पकड़, इन बिंदुओं पर दें विशेष ध्यान

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Sat, 26 Mar 2022 01:30 PM (IST)

    नियमित प्रैक्टिस सेट हल करते रहें (सप्ताह में कम से कम दो बार)। प्रैक्टिस सेट हल करने की आपकी वही रणनीति होनी चाहिए जो परीक्षा भवन में होगी। इसलिए पहले जो प्रश्न आते हैं उसे हल करते हुए आगे बढ़ें तथा जो प्रश्न नहीं आते हैं।

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    जिन खंडों से ज्यादा प्रश्न पूछने कि प्रवृत्ति है, उन्हें ज्यादा से ज्यादा कवर करें।

    अभय प्रताप। आगामी यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा आगामी 5 जून को प्रस्तावित है। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण सिर्फ सामान्य अध्ययन में मिले अंकों के आधार पर होना होता है, जबकि सीसैट पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग प्रकृति का होता है। ध्यान देने की बात यह भी है कि दोनों पेपर में एक-तिहाई निगेटिव अंक भी लागू है।

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    अभय प्रताप अब यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में लगभग 70 दिन ही बचे हैं और यदि सामान्य अध्ययन पेपर की बात की जाये तो इसका पाठ्यक्रम काफी विस्तृत है। चूंकि प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण सामान्य अध्ययन से ही होना है, इसलिए जरूरी है कि बचे हुए दिनों में एक विशेष रणनीति के तहत इस प्रश्नपत्र की तैयारी करें।

    कैसे बनाये रणनीति : यदि विगत पांच-छह वर्षों का कटआफ देखें, तो यह 200 में से औसतन 105 -112 अंक जाता है (निगेटिव अंकों को हटाकर)। अतः 100 में से कुल 52-56 सही प्रश्न करने होते हैं। सामान्य अध्ययन की तैयारी में यह ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि इसमें सभी विषयों के प्रश्न काफी गहरे स्तर के होते हैं और वे विषय की बुनियादी समझ की मांग करते हैं। अतः जरूरी है कि अभ्यर्थियों को उन विषयों पर पकड़ बनानी चाहिए, जिसमें उनकी गहरी रुचि है। इसलिए सभी विषयों की कोई भी एक बुनियादी पुस्तक जरूर पढ़ें और उसका संक्षिप्त नोट्स बनाये, क्योंकि प्रश्नों की प्रवृत्ति को देखा जाये तो कई ऐसे प्रश्न मिलते हैं जो आधारभूत विषयों को समसामयिकी के साथ जोड़ कर पूछे जाते हैं।

    सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने के लिए विगत छह वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन करना चाहिए और उन विषयों पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए, जिनसे विगत वर्षों में प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति ज़्यादा रही है। प्रत्येक वर्ष कुछ विषयों से प्रश्न ज्यादा रहते हैं, जैसे-आधुनिक भारत का इतिहास, कला-संस्कृति, पर्यावरण-पारिस्थितिकी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं आदि। अतः बेहतर होगा कि इन सभी विषयों पर ज्यादा ध्यान दें। इस प्रश्नपत्र में सबसे बड़ी भूमिका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाओं की होती है। इस खंड से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 30-35 प्रश्न होते हैं, जिसमें समसामयिक घटनाओं को विज्ञान-प्रौद्योगिकी, भूगोल, राजनीतिक व्यवस्था, सरकार की नीतियों आदि से जोड़कर प्रश्न पूछा जाता है जो अभ्यर्थियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है।

    किन विषयों पर दें अधिक ध्यान : कुछ ऐसे विषय हैं जिनसे सामान्यत: प्रारंभिक परीक्षा में ही विशेष रूप से पूछे जाते हैं, जहां पर विशेष फोकस करने की आवश्यकता है, जैसे-पर्यावरण और पारिस्थितिकी, कला और संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि। इनके साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की घटनाओं का बारीकी से अध्ययन भी आवश्यक है।

    इतिहास विषय की बात करें, तो यहां से खासकर 1905 से लेकर 1947 तक (स्वतंत्रता आंदोलन) की घटनाओं का विशेष अध्ययन करें। राजनीति विज्ञान की बात करें तो पंचायती राज, संवैधानिक संस्थान, राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट, मौलिक अधिकार तथा इससे संबंधित वाद (केस) से ज्यादा प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति रही है। साथ ही, हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं तो इससे आंकड़ों को भी जरूर अच्छी तरह पढ़ लेना चाहिए।

    भूगोल की बात करें तो यह भी काफी बड़ा पाठ्यक्रम है जैसे भारतीय भूगोल, भौतिक भूगोल तथा विश्व भूगोल। यहां से कुछ प्रश्न समसामयिकी से भी जोड़कर पूछे जाते हैं। जैसे रूस-उक्रेन युद्ध के कारण उनसे संबंधित अन्य देश की सीमाएं, अमेरिका, यूरोप और नाटो की भूमिका भी इस बार परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण हो गई है। अर्थशास्त्र की बात करें तो इसमें पारंपरिक और समसामयिकी दोनों क्षेत्रों से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें खासकर गरीबी, कृषि, उदारीकरण, उद्योग, बजट, आर्थिक सर्वेक्षण पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र से कई तथ्यात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके लिए आप एक छोटा नोट्स बिंदुवार तरीके से बना लें, ताकि रिवीजन करते वक्त ज्यादा समय न लगे। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में आप जीव विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी से जुड़े करंट अफेयर्स पर ज्यादा ध्यान दें।

    इन बिंदुओं पर दें विशेष ध्यान

    • अंतिम 20 दिनों में कुछ नया नहीं पढ़े। सिर्फ अपने नोट्स और खासकर समसामयिकी का रिवीज़न करें।
    • अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, जैसे-वर्ल्ड बैंक, यूनेस्को, विश्व आर्थिक मंच, आदि द्वारा जारी सूचकांक, वैश्विक स्तर पर किसी भारतीय को मिले पुरस्कार, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई बड़ी संधियां और समझौते, पर्यावरण से संबंधित तथ्य, भारतीय महिलाओं को मिले सम्मान आदि से संबंधित टापिक्स को जरूर देखें। इतिहास में भारत का स्वतंत्रता संग्राम और कला-संस्कृति पर विशेष फोकस करें।
    • बहुत सारी पुस्तकों और नोट्स को पढ़ने से अच्छा है, कुछ स्तरीय पुस्तकों को ही बार-बार पढ़ें।
    • सामाजिक गतिविधियों(सोशल साइट्स आदि भी) से दूरी बनाकर रखें, क्योंकि नियमित अध्ययन तथा एकाग्रता में ये सबसे बड़े बाधक बनाते जा रहे हैं।
    • निगेटिव अंक का प्रविधान होने के कारण छात्र तुक्का यानी अनुमान पद्धति से बचते हुए प्रश्नों को सावधानीपूर्ण हल करें।

    रणनीति क्या हो : प्रारंभिक परीक्षा हेतु सबसे पहले कुछ स्तरीय पुस्तकों का अध्ययन करें, जैसे-एनसीईआरटी की पुस्तकें (इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान आदि) के साथ-साथ एम लक्ष्मीकां त(राजनीति विज्ञान, आर्ट एंड कल्चर(नितिन सिंघानिया, आक्सफ़ोर्ड एटलस (विश्व भूगोल, रमेश सिंह(अर्थव्यवस्था, राजीव अहीर (आधुनिक भारत का इतिहास) आदि। करंट अफेयर्स और जनरल अवेयरनेस हेतु प्रतिदिन अच्छे समाचार पत्र और स्तरीय मैगजीन का अध्ययन आवश्यक है। माक टेस्ट की भूमिका इस परीक्षा हेतु सबसे महत्वपूर्ण हो जाती है जो आपकी पढ़ाई को भी नियमित करती है, इसलिए जरूरी है कि सप्ताह में कम से कम दो स्तरीय माक टेस्ट जरूर जरूर दें ताकि इससे खुद की कमियों का पता चल सके और उस पर ज्यादा ध्यान दिया जा सके। ज्यादा पुस्तकों का अध्ययन अंतिम समय में नुकसान कर सकता है इसलिए विषयवार अपने नोट्स का लगातार रिवीजन करते रहें। इससे आप परीक्षा में आते हुए प्रश्नों को लेकर भ्रमित नहीं होंगे।

    [एजुकेटर अनएकेडमी]