Move to Jagran APP

Uphar Cinema Fire Tragedy: पढ़िये उपहार अग्निकांड में कब-कब क्या-क्या हुआ?

राजधानी दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा हाल में 13 जून 1997 को भीषण अग्निकांड हुआ था। इस सिनेमाहाल में बॉर्डर फिल्म का शो चलने के दौरान आग लग गई थी। आग में 59 लोगों की जान गई थी। इस अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 03:48 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 03:48 PM (IST)
Uphar Cinema Fire Tragedy: पढ़िये उपहार अग्निकांड में कब-कब क्या-क्या हुआ?
सिनेमा हाल में लगी इस आग में 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। राजधानी दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा हाल में 13 जून 1997 को भीषण अग्निकांड हुआ था। इस सिनेमाहाल में 'बॉर्डर' फिल्म का शो चलने के दौरान आग लग गई थी। भीषण आग में 59 लोगों की जान चली गई थी। इस भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सिनेमा हाल में लगी इस आग में 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

loksabha election banner

इस अग्निकांड में किसी ने अपने जिगर का टुकड़ा खोया तो किसी ने अपने घर का कमाने वाला इकलौता शख्स। किसी ने अपना पति खोया था तो किसी बहन ने अपना भाई। अग्निकांड से पीड़ित कुछ मां-बाप तो ऐसे भी हैं, जो आज तन्हाई में अपनी जिंदगी की आखिरें शामें गुजार रहे हैं। कई ऐसे लोग भी हैं, जिनका पूरा परिवार ही इस अग्निकांड में तबाह हो गया। उपहार सिनेमा अग्निकांड में जिन लोगों की मौत हुई थी, उनमें नीलम की 17 वर्षीय बेटी उन्नति और 13 वर्षीय बेटा उज्जवल भी शामिल थे। वह जब-जब इस अग्निकांड के बारे में सोचती हैं उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। ऐसे कई और भी लोग हैं जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को इस अग्निकांड में खो दिया था।

ऐसे हुआ था हादसा

दरअसल शो के दौरान सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर कक्ष में आग लग गई, जो तेजी से अन्य हिस्सों में फैली। आग की वजह से 59 लोगों की मौत हो गई थी, इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। घटना की जांच के दौरान पता चला था कि सिनेमाघर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। उसके बाद ये मामला कोर्ट पहुंचा, वहां भी अंसल बंधुओं ने इसको प्रभावित करने की कोशिश की, एक माह पहले जज ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, आज उन्होंने फैसला सुना दिया।

उपहार सिनेमाकांड की टाइमलाइन

13 जून 1997- उपहार सिनेमा में बार्डर फिल्म के प्रसारण के दौरान आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई।

22 जुलाई 1997- पुलिस ने उपहार सिनेमा मालिक सुशील अंसल व उसके बेटे प्रणव अंसल को मुंबई से गिरफ्तार किया।

24 जुलाई 1997- मामले की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआइ को सौंपी गई।

15 नवंबर 1997- सीबीआइ ने सुशील अंसल, गोपाल अंसल सहित 16 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की।

10 मार्च 1999- सेशन कोर्ट में केस का ट्रायल शुरू हुआ।

27 फरवरी 2001- अदालत ने सभी आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही व अन्य मामलों के तहत आरोप तय किए।

23 मई 2001- गवाहों की गवाही का दौर शुरू हुआ।

4 अप्रैल 2002- दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत को मामले का जल्द निपटारा करने का आदेश दिया।

27 जनवरी 2003- अदालत ने अंसल बंधुओं की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने उपहार सिनेमा को वापस उसे सौंपे जाने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि यह केस का अहम सबूत है और मामले के निपटारे तक सौंपा नहीं जाएगा।

24 अप्रैल 2003- हाईकोर्ट ने 18 करोड़ रुपये का मुआवजा पीड़ितों के परिवार वालों को दिए जाने का आदेश जारी किया।

4 सितंबर 2004- अदालत ने आरोपियों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की।

5 नवंबर 2005- बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही शुरू हुई।

2 अगस्त 2006- बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही पूरी।

9 अगस्त 2006- सेशन कोर्ट जज ममता सहगल ने उपहार सिनेमा का निरीक्षण किया।

14 फरवरी 2007- केस में अंतिम जिरह शुरू हुई।

21 अगस्त 2007- उपहार कांड पीड़ितों के संगठन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले का जल्द निपटारा किए जाने की मांग की।

21 अगस्त 2007- सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।

20 नवंबर 2007- अदालत ने सुशील व गोपाल अंसल सहित 12 आरोपियों को दोषी करार दिया। सभी को दो साल कैद की सजा सुनाई।

4 जनवरी 2008- हाईकोर्ट से अंसल बंधुओं व दो अन्य को जमानत मिली।

11 सितंबर 2008- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं की जमानत रद की और उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया।

17 नवंबर 2008- दिल्ली हाईकोर्ट ने अंसल बंधुओं की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।

19 दिसंबर 2008- हाईकोर्ट ने अंसल बंधुओं की सजा को दो साल से घटाकर एक साल कर दिया और छह अन्य आरोपियों की सजा को बरकरार रखा।

30 जनवरी 2009- उपहार कांड पीड़ितों के संगठन ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट अंसल बंधुओं को नोटिस जारी किया।

31 जनवरी 2009- सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में भी अभियुक्तों की सजा को बढ़ाए जाने की मांग की।

17 अप्रैल 2013- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं, उपहार कांड पीड़ितों व सीबीआइ की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

5 मार्च 2014- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं की सजा को बरकरार रखा।

19 अगस्त 2014- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं पर 30-30 लाख का जुर्माना लगाकर उन्हें रिहा कर दिया।

17 दिसंबर, 2018- दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे

दिसंबर 2018- दिल्ली हाई कोर्ट ने उपहार सिनेमा अग्निकांड में सजा पाने वाले उसके मालिक सुशील अंसल का पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारी कि खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।

8 अक्टूबर 2021- कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

8 नवंबर 2021- पटियाला हाउस कोर्ट ने अंसल बंधुओं को सजा सुनाई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.