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    CBSE Result 2022: सीबीएसई परिणाम में उत्तर प्रदेश का जलवा, नोएडा के 3 छात्रों को मिले सभी विषयों में 100 नंबर

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Sat, 23 Jul 2022 09:42 AM (IST)

    CBSE Result 2022 उत्तर प्रदेश के छात्र और छात्राओं ने उम्मदा प्रदर्शन किया है वहीं दिल्ली के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन इस साल भी अच्छा रहा है। इसके लिए निश्चित तौर पर छात्र और शिक्षक बधाई के योग्य हैं।

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    CBSE Result 2022:सीबीएसई परिणाम में उत्तर प्रदेश का जलवा, नोएडा के 3 छात्रों को मिले सभी विषयों में 100 नंबर

    नई दिल्ली/नोएडा/गाजियाबाद/हापुड़/गुरुग्राम, जागरण डिजिटल डेस्क। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शनिवार को 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए। इस बार के परीक्षा परिणाम में दिल्ली से सटे नोएडा के निजी स्कूल के छात्रों ने उम्दा प्रदर्शन कर दिल्ली के छात्रों के सामने चुनौती पेश कर दी।

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    नोएडा स्थित एमिटी इंटरनेशनल की छात्रा युवाक्षी ने 12वीं के परीक्षा परिणाम में 500 में से 500 अंक हासिल किए हैं। वहीं, इसी स्कूल के 10वीं के छात्र मयंक यादव ने 500 में से 500 अंक हसिल किए हैं। मयंक के अंग्रेजी, फ्रैंच, सोशल साइंस, साइंस और मैथ्स मैं 100 में से 100 अंक आए हैं।

    मयंक के अलावा डीपीएस ग्रेटर नोएडा की वैष्णवी विनोद कापसे ने भी 10वीं में 500 में से 500 अंक पाए हैं। इन तीनों के अलावा आशिका यादव ने भी 12वीं अच्छा प्रदर्शन किया है। 

    सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की तान्या सिंह ने टॉप किया है। उन्हें 500 में से 500 अंक मिले हैं, इसके अलावा लखनऊ में अशिका यादव टॉपर रही हैं और उन्हें 99 फीसदी अंक मिले हैं।

    • नोए़डा : सुवाक्षी बिग (100 प्रतिशत)
    • बुलन्दशहर: तान्या सिंह (100 प्रतिशत)
    • लखनऊ: अशिका यादव (99 प्रतिशत)
    • संभल: कुमोदिनी यादव (98.4 प्रतिशत) 
    • बिजनौर: घृताची गुप्ता (99.4 प्रतिशत)
    • अमरोहा: कशिश यादव (498 प्रतिशत)
    • कानपुर: ज्योत्श्ना मिश्रा (497 प्रतिशत)
    • अयोध्या: विश्वास शुक्ला (96.2 प्रतिशत)
    • नोएडा : मयंक यादव  (100 प्रतिशत)

    दिल्ली में 12वीं कक्षा में सरकारी स्कूलों में 96.29 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर पास होने की दर 92.71 प्रतिशत रही, जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों से 3.58 प्रतिशत कम रही। यही नहीं, 160 सरकारी स्कूलों में शत-प्रतिशत छात्र पास हुए, जबकि 876 स्कूलों में 90 प्रतिशत से अधिक छात्र पास हुए।

    हालांकि, 10वीं कक्षा में सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम उतना अच्छा नहीं रहा और मात्र 81.27 प्रतिशत छात्र ही पास हुए, लेकिन स्कूल आफ एक्सिलेंस में इस कक्षा के परिणाम पिछले दो वर्षो की तरह इस वर्ष भी शत-प्रतिशत रहे। कोरोना के कारण पिछले दो वर्ष में बच्चों की पढ़ाई के साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है, इसके बावजूद परीक्षा परिणाम में सुधार होना वाकई सराहनीय है।

    इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले दो वर्ष में छात्रों की पढ़ाई बहुत बाधित हुई है। न ही वे ठीक से स्कूल जा पा रहे थे और न ही आनलाइन शिक्षा से इसकी पूरी तरह से भरपाई की जा सकी थी।

    ऐसे में छात्रों के परीक्षा परिणाम दो साल पूर्व हुई परीक्षा के मुकाबले अच्छे आए हैं, जिसके लिए उनकी तारीफ की ही जानी चाहिए। सत्र 2018-19 की तुलना में दिल्ली सरकार के स्कूलों में 10वीं कक्षा के परिणाम में 9.69 प्रतिशत की वृद्धि अवश्य हुई है, लेकिन ये परिणाम इस बार 12वीं कक्षा के मुकाबले कम रहे हैं।

    इसमें सुधार की दिशा में भी ठोस प्रयास करने की जरूरत है। छात्रों की शिक्षा दसवीं कक्षा से ही मजबूत की जाएगी तो इस कक्षा के परिणाम तो सुधरेंगे ही, 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम भी और अच्छे आएंगे और दिल्ली के स्कूल निजी स्कूलों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करते नजर आएंगे।