Delhi Weather: मई महीने में क्यों बदला दिख रहा मौसम का मिजाज? IMD ने आनेवाले दिनों के लिए की भविष्यवाणी
मई के महीने में जो भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है इस बार मौसम में असामान्य बदलाव देखने को मिला है। लू चलना तो दूर तापमान भी सामान्य से कम बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन जैसे कारकों ने मिलकर असामान्य मौसमी परिस्थितियां पैदा की हैं जिससे झुलसा देने वाली गर्मी से राहत मिली है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। भीषण गर्मी का पर्याय माने जाने वाले मई माह में इस बार मौसम का मिजाज खासा बदला हुआ है। लू चलना तो दूर की बात है, पखवाड़े भर से तापमान भी सामान्य के आसपास या उससे नीचे बना हुआ है। अभी अगले सप्ताह भर तक और लू चलने का कोई पूर्वानुमान नहीं है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार इसके पीछे एक दो कारक नहीं बल्कि असामान्य मौसमी परिस्थितियां भी जिम्मेदार हैं। इन्हीं के चलते झुलसा देने वाली गर्मी वाले मई माह में भी गर्मी के तेवर नरम बने हुए हैं। इस माह की वर्षा भी 125 साल में दूसरी सर्वाधिक होने का रिकॉर्ड बना चुकी है।
तेज हवा के साथ हल्की वर्षा जैसी गतिविधियां हो रही
मौसम विभाग के मुताबिक समुद्र की सतह से डेढ़ किमी ऊपर हवा के उपरी स्तर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। यह अब उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश की तरफ खिसक रहा है। जबकि, उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश से उत्तरी बांग्लादेश देश तक हवा के कम दबाव की एक रेखा मौजूद है।
इसके साथ ही, हरियाणा में हवा के ऊपरी स्तर पर समुद्र की सतह से लगभग 0.9 किमी ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इन सभी मौसमी गतिविधियों के चलते ही तेज हवा के साथ हल्की वर्षा जैसी गतिविधियां हो रही हैं।
उत्तर-पश्चिम भारत में लगातार गरज के साथ वर्षा हुई
मौसम विज्ञानियों के अनुसार लगातार पश्चिमी विक्षोभ, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों से नमी के प्रवेश के साथ पिछले 20 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में लगातार गरज के साथ वर्षा हुई है। इससे सामान्य से भी अधिक वर्षा हुई है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा है।
दिल्ली की ही बात करें तो सफदरजंग में मई की वास्तविक वर्षा 10.8 मिमी के मुकाबले 91.2 मिमी रही है, जो 16 मई तक 744 अधिक है। दिल्ली का अधिकतम तापमान 25 अप्रैल के बाद 16 मई को 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। अब इस माह के अंत में ही पश्चिमोत्तर भारत में लू की स्थिति विकसित होने की संभावना है।
असामान्य मौसमी गतिविधियां इस बार मई में तापमान बढ़ने ही नहीं दे रहीं। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं। कमजोर होने पर भी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के तौर पर मजबूत प्रभाव दे रहे हैं। आंधी और वर्षा के हालात भी लगातार बन रहे हैं। पश्चिमोत्तर के साथ- साथ मध्य, पूर्वी व दक्षिणी भारत में भी वर्षा हो रही है। - महेश पलावत, उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन), स्काईमेट वेदर
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