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    Delhi UER-2: टोल नहीं हटने पर चक्का जाम करने का अल्टीमेटम, ग्रामीणों ने सरकार को दिया एक सप्ताह का समय

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 07:32 AM (IST)

    यूईआर-2 पर टोल हटाने की मांग को लेकर दिल्ली देहात में महापंचायत हुई जिसमें सरकार को सात दिन का अल्टीमेटम दिया गया। ऐसा न होने पर 21 तारीख को चक्का जाम की चेतावनी दी गई। महापंचायत में वक्ताओं ने टोल वसूली पर सवाल उठाए और इसे दिल्लीवासियों के साथ अन्याय बताया। साथ ही सभी गांवों में प्रस्ताव पारित कर सरकार पर दबाव बनाने का निर्णय लिया गया।

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    महापंचायत के दौरान यूईआर-2 पर जमा लोग व पुलिस। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। यूईआर-2 पर टोल के विरोध में दिल्ली देहात ने शनिवार को आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। शनिवार को मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा पर हुई महापंचायत में जुटे विभिन्न गांवों के लोगों ने निर्णायक की लड़ाई की हुंकार भरी और सरकार को सात दिन के भीतर टोल हटाने का समय दिया।

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    कहा, 20 तारीख तक इंतजार करेंगे और 21 को चक्का जाम किया जाएगा। महापंचायत के संयोजक पालम 360 खाप के प्रधान सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि हम सरकार बनाना जानते हैं तो गिराना भी जानते हैं। दिल्ली के लोग किसी भी सूरत में टोल टैक्स नहीं देंगे। उधर, इसी मुद्दे को लेकर रविवार को भी मुंडका-बकरवाला टोल प्लाजा पर ग्रामीण पंचायत करेंगे। दो दिन में दो पंचायत के आयोजन से दिल्ली देहात का माहौल गर्मा गया है।

    शनिवार सुबह से मुंडका-बक्करवाला टोल के पास भारी संख्या में पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों की तैनाती के बीच राजधानी के विभिन्न गांव, खाप, कालोनी व संस्थाओं से जुड़े लोग महापंचायत में शामिल होने पहुंचे। लगभग दो घंटे चली महापंचायत में टोल फ्री करने के लिए सरकार को सात दिन का समय दिया गया और इस दौरान टोल नहीं हटा तो लोग चक्का जाम करेंगे।

    महापंचायत में लिये गए निर्णय की जानकारी सुरेंद्र सोलंकी ने दी। सोलंकी ने कहा कि यह आंदोलन दिल्ली देहात के सम्मान और अधिकारों की निर्णायक लड़ाई बन चुका है। उन्होंने टोल के अधिकारियों को चेताया कि अगर लोगों से बदतमीजी की तो एक सेकेंड में टोल को उखाड़ दिया जाएगा।

    वक्ता सुरेंद्र लाकड़ा ने कहा कि यह तो दिल्ली के लोगों के लिए घर से बाहर निकलते ही टोल वसूली जैसी है। प्रदीप ठोलेदार ने कहा कि दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद यह छोटा सा मुद्दा यहां तक पहुंच गया, इस बारे में सरकार को सोचना चाहिए। आज तक दिल्ली में जो काम नहीं हुआ, वह अब क्यों हुआ। टोल हटे या फिर पूरी दिल्ली के लिए फ्री, इन दो विकल्प में से सरकार कोई भी चुन सकती है।

    बिजवासन के प्रदीप राणा के सवाल किया कि दिल्ली की सीमा के उस पार हरियाणा में जमीन का मुआवजा प्रति एकड़ 14 करोड़ रुपये मिल रहा है और राजधानी में मात्र 53 करोड़ रुपये। महापंचायत में चौधरी धारा सिंह प्रधान बवाना 52, चौधरी नरेश प्रधान लाड़ो सराय 96, अनार सिंह प्रधान टिकरी 5, समुंदर प्रधान कराला 17, हवा सिंह, नरेश लाकड़ा, अनूप शौकीन, सुरेश, अन्नदीप, निशांत, जैनेंद्र, प्रियव्रत छिकारा आदि मौजूद रहे।

    एक बार फिर बनी तनावपूर्ण स्थिति

    वैसे तो महापंचायत शांतिपूर्ण रही, लेकिन एक बारगी कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि पांच मिनट के भीतर टोल अधिकारी यू-टर्न से पत्थर हटा लें, नहीं तो लोग खुद हटाएंगे।

    पांच मिनट बाद बड़ी संख्या में लोग यूईआर-2 पर जमा हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से स्थिति को संभाला। लोगों को रोड से हटाया। कुछ समय के लिए यातायात में व्यवधान पैदा हुआ।

    हर गांव में प्रस्ताव पारित कराने का फैसला

    दिल्ली पंचायत संघ ने यूईआर पर लगे टोल को लेकर गांव नांगलोई जाट की चौधरी बैठक में नौ गांवों की संयुक्त पंचायत की। पंचायत में सर्वसम्मति से मुंडका–बक्करवाला टोल दिल्ली देहात गांव ग्रामीण और किसानों से वसूलने पर रोष प्रकट किया और सरकार से इसको तुरंत फ्री करने की मांग उठाई।