नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फर्जी टिकट लगाकर यात्रा भत्ता लेने के दोषी बलरामपुर के पूर्व सांसद विनय कुमार पांडेय और उनके पीए रहे अरविंद तिवारी को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दो-दो साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। साथ ही विनय पर 11.50 लाख रुपये और अरविंद पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
कांग्रेस से बलरामपुर के सांसद रहे विनय कुमार पांडेय ने नवंबर 2012 में छह लोगों के साथ दिल्ली से चेन्नई और चेन्नई से पोर्टब्लेयर की दोनों ओर की यात्रा के टिकट लगाकर संसद सचिवालय से 9.71 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त किया था। इसमें फर्जीवाड़े की जानकारी सूत्रों से मिलने पर सीबीआइ ने शुरुआती जांच के आधार पर वर्ष 2016 में विनय कुमार पांडेय के साथ उनके पीए रहे अरविंद तिवारी के खिलाफ साजिशन धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी की थी।
उसमें विनय पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराएं भी लगाई गई थी। सीबीआइ ने आरोप लगाया था कि विनय ने अपने पद का दुरुपयोग कर पीए के साथ मिलकर विमान के फर्जी टिकट व बोर्डिंग पास लगाकर यात्रा भत्ता लिया और केंद्र सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया था।
दोनों आरोपित जमानत पर थे। इस मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के कोर्ट ने 18 जनवरी को दोनों को दोषी करार दिया था। शनिवार को इस कोर्ट में दोनों की सजा पर बहस हुई। कोर्ट ने दोनों को दो-दो वर्ष सश्रम कैद की सजा सुनाने के साथ उन पर जुर्माना लगा दिया।
दोनों को मिली जमानत
सजा तय होते ही दोनों दोषियों ने दंड प्रक्रिया संहिता के प्रविधान के तहत उच्च न्यायालय में अपील दायर करने तक जमानत के लिए अर्जी लगा दी। दोनों के लिए सजा तीन वर्ष से कम तय हुई, इसे देखते हुए कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये राशि की जमानत और इतनी ही रकम के निजी मुचलके पर दोनों को जमानत देते हुए 27 फरवरी तक अपील दायर करने का मौका दिया है।