Gangster Kala Jathedi: गैंगस्टर काला जठेड़ी गिरोह को पिस्टल आपूर्ति करने आए दो तस्कर गिरफ्तार, 16 सेमी आटोमैटिक पिस्टल बरामद
Gangster Kala Jathedi पूछताछ में ब्रिजराज ने बताया कि उसका सरगना धौलपुर की जेल में बंद है। जेल से उसने हथियारों की खेप लाने के लिए बोला था। उसने यह भी बताया था कि हथियार काला जठेड़ी गिरोह को आपूर्ति करने हैं।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी गिरोह को पिस्टल आपूर्ति करने आए दो कुख्यात तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 16 आटोमैटिक पिस्टल बरामद हुई है। आरोपित जेल में बंद सरगना भगवान दास के कहने पर मध्य प्रदेश के खरगोन से पिस्टल लेकर दिल्ली में काला जठेड़ी गिरोह के सदस्य को आपूर्ति करने आए थे। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर के अलावा यूपी के गैंगस्टरों को हथियार आपूर्ति करते हैं।
डीसीपी राजीव रंजन सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम गांव धनोरा, धौलपुर, राजस्थान निवासी ब्रिजराज उर्फ खैतान और जितेंद्र है। स्पेशल सेल कई सालों से हथियार तस्करों के खिलाफ अभियान चला उन्हें दबोचने का काम कर रही है। पहले बिहार के मुंगेर से दिल्ली एनसीआर में हथियारों की आपूर्ति हो रही थी। वहां लगातार कई सालों तक छापा मार बड़ी संख्या में तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
उसके बाद पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है मध्य प्रदेश के खरगोन, धार, बुरहानपुर व अन्य जगहों से हथियारों की तस्करी दिल्ली-एनसीआर में हो रही है। जिससे सेल लगातार वहां के तस्करों को दबोचने में जुटी है। 15 जुलाई को सेल को सूचना मिली कि गिरोह के सदस्य हथियारों की बड़ी खेप लेकर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, मोड़, जीटी करनाल रोड पर आने वाले हैं।
सेल की टीम ने पाया कि दो युवक शाम चार बजे एक आटो से उमर कर किसी का इंतजार कर रहे थे। दोनों ने दो पिटठू बैग थे। पुलिस टीम ने दोनों को दबोच लिया। बैगों की तलाशी लेने पर उससे आठ-आठ पिस्टल बरामद हुई। पूछताछ में ब्रिजराज ने बताया कि उसका सरगना धौलपुर की जेल में बंद है। जेल से उसने हथियारों की खेप लाने के लिए बोला था। उसने यह भी बताया था कि हथियार काला जठेड़ी गिरोह को आपूर्ति करने हैं।
इसके बदले ब्रिजराज और जितेंद्र को अच्छी रकम मिलती। इन हथियारों को 20 हजार से 35 हजार के बीच बेच दिया जाता था। पूछताछ में ब्रिजराज ने बताया कि दसवीं कक्षा पास करने के बाद उसने राजमिस्त्री का काम शुरू किया था, लेकिन उक्त धंधे में उसे कमाई नहीं होती थी।
छह माह पूर्व वह प्रशांत नाम के युवक के संपर्क में आया। उसने उसे हथियार तस्करी करने के लिए कहा और बदले में मोटी रकम दिलाने की बात की। प्रशांत ने ही उसे गिरोह के सरगना भगवान दास से मिलवाया। भगवान दास ही गैंगस्टरों से हथियारों का आर्डर लेता है। चार माह पूर्व भगवान व उसका भाई श्रीकांत और प्रशांत गिरफ्तार हो गए थे। उसके बाद उसने जेल से ही हथियारों के आर्डर लेकर ब्रिजराज को आपूर्ति करने का निर्देश देता था। ब्रिजराज ने उक्त धंधे में अपने दोस्त जितेंद्र को भी शामिल कर लिया था।