फिल्मी कहानी की तरह... बिछड़कर फिर मिले दीपक और अनामिका; रुला देगी ये लव स्टोरी
साल 2012 की हॉलीवुड फिल्म द वॉउ की तरह दिल्ली के दीपक और अनामिका की प्रेम कहानी है। हादसे में दीपक की याददाश्त चली गई पर उसने अपनी पत्नी अनामिका को पहचाना। 23 मई को दीपक ऑफिस से घर लौटते समय दुर्घटना का शिकार हो गए थे। अनामिका ने बताया कि उन्होंने हर सुख-दुख में साथ निभाने की कसम खाई है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। साल 2012 में हॉलीवुड फिल्म आई "द वॉउ", एक प्रेम कहानी जिसमें खुशहाल शादीशुदा जोड़े लियो और पेज की प्रेम परीक्षा तब होती है, जब पेज (नायिका) कार दुर्घटना में याददाश्त खो देती है। नायक लियो उसकी यादें वापस लाता है और फिर से पाता है।
ऐसी ही एक असल प्रेम कहानी दिल्ली के दीपक और अनामिका की है, लेकिन फर्क इतना है, यहां नायिका अपने नायक के स्वस्थ होने के इंतजार में है।
"हैलो, आप अनामिका बोल रही हैं? आपके पति अपोलो अस्पताल में भर्ती है, आकर देख लीजिए।" 11 जुलाई को शाम करीब साढ़े पांच बजे फोन पर किसी ने ये कहा तो विश्वास ही नहीं हुआ, बस आंसू छलक आए।
इसके बाद कैब लेकर अस्पताल के लिए निकली तो हर सेकेंड जैसे घंटे की तरह बीता। पति को देखते ही गले लगकर रोने लगी। सभी ने बताया वो अपनी काफी याददाश्त खो चुके हैं। लेकिन पुलिस ने पूछा तो उन्होंने कहा ये मेरी पत्नी अनु है। बस उस पल की खुशी मैं बता नहीं सकती। ये कहना है अनामिका का।
प्रेम विवाह करने वाले इस जोड़े की जिंदगी डेढ़ महीने पहले बदली। 23 मई को दीपक दफ्तर से निकले और घर नहीं पहुंचे। सड़क हादसे का शिकार होकर वे अस्पताल में बेहोश रहे। होश आया तो कुछ ठीक से याद नहीं था।
आखिरकार पता लगाकर दिल्ली पुलिस ने पत्नी अनामिका अस्पताल बुलाया। अब दीपक घर हैं, पत्नी अनामिका का कहना है आठ साल पहले प्रेम विवाह किया था। हर सुख-दुख में साथ निभाने की कसम खाई है। आगे क्या होगा पता नहीं, लेकिन हम साथ हैं तो सब सह लेंगे।
हिम्मत टूटी थी, उम्मीद नहीं
अनामिका बताती हैं रोजाना की तरह सुबह घर से साथ निकले थे और शाम छह बजे दीपक से लास्ट बार बात हुई थी। दोनों सात बजे तक घर पहुंचते हैं, लेकिन उस दिन दीपक नहीं आए और फोन बंद था। पुलिस जांच में पता चला ऑफिस से दीपक छह बजे निकले थे। दिन बीतने लगे और हर बीतते दिन के साथ आस टूटने लगी।
यह भी पढ़ें- दिल्ली के निहाल विहार में पत्नी की बेवफाई से तंग पति ने Live Video में बताई पीड़ा, फिर कर दिया ऐसा काम...
बंगला साहिब, कालकाजी मंदिर, इंडिया गेट, कनॉट प्लेस, लोधी गार्डन तलाशा। सड़क किनारे व फुटपाथ पर सोने वालों और नशेड़ियों के बीच भी तलाश किया। मगर हिम्मत टूटी थी, उम्मीद नहीं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।