Delhi News: किराड़ी में पत्थरबाजी मामले में आरपीएफ जांच में जुटी, फिलहाल किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं
दिल्ली के किराड़ी इलाके में ट्रेन की चपेट में आने से दो बच्चियों की मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हुई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे और अंडरपास की मांग की है। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बल तैनात किया है और मामले की जांच जारी है। अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। किराड़ी के त्रिपाठी एन्क्लेव के पास शुक्रवार को रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से दो बच्चियों की मौत हो गई थी। जिसके बाद पीड़ित परिवार व स्थानीय लोग इलाके के जनप्रतिनिधियों के आने के बाद शव उठाए जाने को लेकर अड़ गए थे।
इस दौरान आरपीएफ व पुलिस के जवानों से स्थानीय लोगों की नोकझोक होने लगी। मौजूद लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। भीड़ को ट्रैक से हटाने के लिए पुलिस ने भी हल्का बल का इस्तेमाल किया। फिर दोनों शवों को कब्जे में लेकर सब्जी मंडी स्थित रेलवे के शवगृह में पोस्टमार्टम के बाद शव शनिवार को स्वजनों को सौंप दिया।
इस मामले में बाहरी जिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल शुक्रवार और शनिवार को घटनास्थल से लेकर बच्चियों के घर तक तैनात रही है। वहीं, आरपीएफ ने बताया कि उनके तरफ से मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
वहीं, दूसरी तरफ शनिवार को भी मृतक बच्चियों के घर के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा रहा है। इस दौरान दोपहर तीन बजे दोनों बच्चियों का शव उनके घरों पर पहुंचा। इस बीच यहां भारी पुलिस बल व अर्द्ध सैनिक बल तैनात रही।
प्रेम नगर एसएचओ विक्रम सिंह ने खुद यहां मौजूद रहें। शाम चार बजे इंद्रा एन्क्लेव पार्ट-1 स्थित कब्रिस्तान में दोनों बच्चियों के शवों को सुपुद-ए-खाक किया गया। वहीं, दोनों परिवार में मातम का माहौल है।
पीड़ित परिवारों ने कहा, इंसाफ चाहिए
मृतका सात वर्षीय रौनक खातून के पिता मोहम्मद शकील ने कहा कि उन्हें इंसाफ चाहिए। इतनी बड़ी आबादी के बीच यहां रेलवे लाइन पर न तो अंडरपास ही है और नहीं फुटओवरब्रिज ही है। ऐसे में लाइन की दूसरी तरफ किराड़ी के हजारों की संख्या में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है।
अब किसी का घर न उजड़े, यहां तत्काल प्रभाव से आरओबी व एफओबी बनाया जाए। आठ साल की शाइस्ता प्रवीण के पिता आलम खान ने बताया कि उनकी बेटी रेलवे की लापरवाही की भेंज चढ गई। किराड़ी की जनता वर्षों से यहां रेलवे लाइन पर एफओबी और अंडरपास की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। जिसका नतीजा है कि दो बच्चियों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई।
पीड़ित परिवार में भारी नाराजगी, कहा- कोई मिलने तक नहीं आया
दोनों पीड़ित परिवार में इलाके जनप्रतिनिधियों से लेकर रेलवे प्रशासन के प्रति भारी नाराजगी जाहिर की है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनसे मिलना तो दूर किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधियों ने फोन करके हाल तक नहीं जाना। किसी ने उनसे मिलना जरूरी तक नहीं समझा।
सामाजिक संस्था चलाने वाले प्रमोद कुमार ने मांग की है कि बावा विद्यापति मार्ग को रेलवे लाइन के पास से बंद किया गया है, इस जगह पर एफओबी का निर्माण होना जरूरी है। वहीं, पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही स्थानीय लोग भी पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सात व आठ वर्षीय दोनों बच्चियां शुक्रवार को नांगलोई स्थित नगर निमग की स्कूल से छुट्टी के बाद घर लौट रही थी। इसी दौरान एक समय दोनों ट्रैक पर सवारी गाड़ी आ गईं। घबराहट में दौड़ीं तो दोनों बच्चियों नांदेड एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गईं और मौके पर ही मौत हो गई।
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