दिल्ली में खेलते हुए 11वीं मंजिल की बालकनी से गिरी बच्ची, इकलौती बेटी को खोने से बेसुध हुए माता-पिता
दिल्ली के नरेला में एक दर्दनाक हादसे में हिंद अपार्टमेंट की 11वीं मंजिल से गिरकर एक ढ़ाई साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची बालकनी में खेलते समय रेलिंग से नीचे गिर गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इकलौती बेटी को खोने से माता-पिता सदमे में हैं वहीं स्थानीय लोग बालकनियों में सुरक्षा जाल लगाने की मांग कर रहे हैं।

शमसे आलम, बाहरी दिल्ली। नरेला स्थित हिंद अपार्टमेंट की 11वीं मंजिल स्थित बालकनी से गिरने से ढ़ाई वर्षीय मीरा की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जांच के दौरान पता चला कि बच्ची अपने भाई के साथ बालकनी में खेलते हुए रेलिंग पर चढ़ गई।
इस दौरान वह अचानक से नीचे गिर गई। स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिया।
जानकारी के मुताबिक उमेंद्र कुमार अपनी पत्नी आरती दो बेटे 12 वर्षीय आर्यन और 10 वर्षीय प्रिंस के साथ 11वीं मंजिल स्थित एक फ्लैट में किराये पर रहते थे। ढ़ाई वर्षीय बेटी भी उनके साथ ही रहती थी। परिवार तीन महीने पहले ही यहां शिफ्ट हुआ था।
क्या करते हैं बच्ची के माता-पिता?
उमेंद्र मूलरूप से उत्तर प्रदेश के एटा मैनपुरी के रहने वाले हैं। उमेंद्र रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। वहीं पत्नी सोनीपत के कुंडली स्थित एक फैक्ट्री में नौकरी करती हैं । आरती ने बताया कि रोजाना की तरह शनिवार की सुबह वह और उनके पति अपने-अपने काम पर चले गए।
घर में उनका दोनों बेटा और उनकी बेटी मौजूद थी। दोपहर में उमेंद्र घर आए। बच्चों के साथ दो घंटे समय बीताने के बाद देर शाम रिक्शा लेकर चले गए थे। करीब रात आठ बजे उन्हें फोन पर जानकारी दी कि उनकी बेटी छत से नीचे गिर गई है।
घर पहुंचने पर पता चला कि उनकी बेटी को नरेला स्थित राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया है। अस्पताल जाने पर डॉक्टरों ने बताया कि उनकी बेटी की मौत हो चुकी है। डीडीए के इस फ्लैट में करीब तीन फुट रेलिंग लगा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलिंग में अगर जाल लगा होता तो शायद बच्ची नीचे नहीं गिरती। इस हादसे के बाद से ही अपार्टमेंट के लोग डरे-सहमें हुए हैं। सभी एक दूसरे से बालकनी में जाल लगाने को लेकर अपील कर रहे हैं।
इकलौती बेटी के खोने के गम में बेसुध हुए माता-पिता
आरती ने बताया कि दो बेटे के बाद एक बेटी के परिवार में आने पर परिवार में सभी खुश थे। इकलौती बेटी को काफी लाड प्यार से पाल रहे थे। दोपहर बच्ची के पिता खुद घर पर आकर बच्ची को देखते रहते थे।
पड़ोस में रहने वाली एक जानकार भी उनके अनुपस्थिति में बच्ची का ख्याल रखती थी। वह अपने बच्चों की तरह हमारे बच्चों को भी मानती थी। अचानक से उनकी बेटी का इस तरह से जाना उनके परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। दोनों भाइयों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
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