परछाई की तरह अपने इकलौते बेटे के साथ रहते थे शाहिद, जीवन के आखिरी लम्हें तक साथ रहे पिता-पुत्र
पूर्वी दिल्ली के मुकुंदपुर में सड़क दुर्घटना में शाहिद और उनके बेटे फैज सहित तीन लोगों की मौत हो गई। शाहिद अपने मानसिक रूप से कमजोर बेटे फैज का हमेशा सहारा थे। वे एक जन्मदिन की पार्टी से लौट रहे थे। इस घटना से नार्थ घोंडा में शोक की लहर है क्योंकि एक साथ तीन शव पहुंचे। हमजा जो सहारनपुर से आया था भी इस हादसे में मारा गया।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मुकुंदपुर में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले शाहिद अपने इकलौते बेटे फैज के लिए परछाई थे। फैज मानसिक रूप से कमजोर होने की वजह से उसके पिता उसका साथ कभी नहीं छोड़ते थे। यही वजह है कि रविवार रात को पूरा परिवार नवादा में जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के बाद कैब से घर लौट रहा था और शाहिद अपने बेटे को बाइक से लेकर घर जा रहे थे। जीवन के आखिरी लम्हें तक पिता-पुत्र साथ रहे।
सोमवार दोपहर को नार्थ घोंडा की गली नंबर आठ में एक साथ तीन शव एंबुलेंस से पहुंचे। काफी संख्या में स्थानीय लोग जुटे हुए थे। परिवार से लेकर पड़ोसियों की आंखे नम थी। परिवार ने बताया कि शाहिद की पांच बेटियां हैं। उन्हें बेटे की चाहत थी, काफी मन्नतों के बाद चार बेटियां होने के बाद उनके घर बेटा हुआ। बेटे का नाम फैज रखा।
फैज बचपन से ही मानसिक रूप से कमजोर था। शाहिद ने अपनी पांचों बेटियों की शादी कर दी। चार दिल्ली में और एक सहारनपुर में रहती हैं। तीन वर्ष पहले अपने बेटे फैज की शादी बिहार के सहरसा की रहने वाली सबीरा से की। दंपती के दो बच्चे हैं। फैज के जीजा आरिफ ने बताया कि सबीरा पिछले छह माह से बिहार में रह रही थी। दो माह पहले उन्होंने अपने मायके में बेटे को जन्म दिया।
पांच सितंबर को फैज अपने पिता को लेकर बिहार गए और पत्नी व बेटे को लेकर दिल्ली लौटे। परिवार में खुशी का माहौल था। आरिफ ने कहा कि शाहिद की सबसे बड़ी बेटी हिना नवादा में रहती हैं। उनकी बेटी का जन्मदिन था। शनिवार शाम को पूरा परिवार जन्मदिन पार्टी में शामिल होने के लिए गया था। रविवार रात को वापस घोंडा लौट रहे थे।
लाेकेशन पूछने के लिए पिता को की कॉल, मिली मौत की सूचना
फैज की पत्नी अपने दोनों बच्चों, ननद शाहना समेत अन्य के साथ कैब से घर लौट रही थी। वह वजीराबाद रोड पर रास्ता भटक गए। शाहना ने बताया कि लोकेशन पूछने के लिए उन्होंने 11:30 बजे अपने पिता को फोन किया। उनका फोन एक राहगीर ने उठाया और कहा कि जिसका यह फोन है उनकी मौत हो गई। उनके साथ जो दो लोग थे वह भी इस दुनिया में नहीं रहे। परिवार दौड़कर मुुुंकुंदपुर पहुंचा तो शव सड़क पर पड़े हुए थे।
सहारनपुर से अपने मामा-मामी को बधाई देने आया था हमजा
हमजा अपने परिवार के साथ सहारनपुर स्थित चिलकाना रोड पर रहते थे। परिवार में मां शाहना, पिता नूर मोहम्मद और एक छोटी बहन है। शाहना गत बृहस्पतिवार को अपने दोनों बच्चों के साथ घोंडा में मायके आई थी। परिवार ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाला हमजा इस बात से बहुत खुश था कि उसके मामा के घर बच्चा हुआ है। मामा को बधाई देने के लिए वह अपनी मां के साथ दिल्ली आया था। हादसे के वक्त भी वह अपने मामा के साथ ही था। हमजा का शव परिवार के सदस्य सहारनपुर ले गए।
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