'मुझे मेरे पापा के पास ले चलो...उनसे एक बार बात करा दो', कालकाजी में पेड़ गिरने से पिता की मौत पर फूट-फूटकर रोई बेटी
दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी में पेड़ गिरने से सुधीर नामक व्यक्ति की दुखद मृत्यु हो गई। उनकी बेटी शिवानी की शादी होने वाली थी लेकिन इस घटना ने परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। शिवानी बार-बार अपने पिता के पास जाने की गुहार लगा रही है। परिवार पर अब आर्थिक संकट भी आ गया है क्योंकि सुधीर ही घर के खर्च में मदद करते थे।

अमित भाटिया, दक्षिणी दिल्ली। मुझे मेरे पापा के पास के पास ले चलो, मुझे उनसे बात करनी है अभी, एक बार उन्हें देखना है। ये कहते-कहते शिवानी बिलखने लगती है। कालकाजी में पेड़ गिरने से उसके नीचे दबकर मरे सुधीर के परिवार पर दुखाें का पहाड़ टूट पड़ा है।
घर में बड़ी बेटी शिवानी की शादी की तैयारियां चल रहीं थीं। शिवानी की नवंबर में शादी होने वाली थी। बेटी की शादी से दो माह पहले ही पिता की मौत ने खुशियां मातम में बदल दीं। वहीं परिवार के सामने अब रोजी रोटी का भी संकट आन पड़ा है।
हादसे की खबर मिलने के बाद से बेटी शिवानी का रो-रो कर बुरा हाल है। वह बार बार उसे सांत्वना दे रहीं महिलाओं से उसे पिता के पास ले चलने की गुहार लगा रही थी। शिवानी ने बताया कि उनके पिता और बहन प्रिया मिलकर घर का खर्च चलाते थे।
जबकि सुधीर के बेटे मयंक ने अभी 12वीं पास की है और आगे पढ़ाई की तैयारी कर रहा है। वहीं घटना के बाद से सुधीर की पत्नी सुनीता बेसुध हैं। पड़ोसियों ने बताया है कि सुधीर बेहद मिलनसार और मददगार इंसान थे।
पहले वह दिल्ली होम गार्ड में नौकरी करते थे, मगर कुछ साल पहले होम गार्ड की नौकरी छोड़कर रैन बसेरे में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगे। उनकी असमय मृत्यु ने सबको स्तब्ध कर दिया है।
पड़ोसियाें ने प्रशासन से मांग की है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि परिवार की आजीविका पर संकट न आए।
बेटे की जिद पर ली थी नई बाइक
सुधीर के पड़ोसी ने बताया कि जिस बाइक पर जाते समय यह हादसा हुआ, उसे पिछले महीने ही उन्होंने बेटे मयंक की जिद पर ली थी। सुधीर के पास अपनी बाइक थी। बेटा मयंक 18 साल का होने के बाद अपने लिए बाइक मांग रहा था।
इस पर उन्होंने पिछले महीने ही बाइक ली थी। सुबह वर्षा के कारण उनकी बाइक स्टार्ट नहीं हुई तो वह नई वाली बाइक लेकर बेटी को छोड़ने और दवा लेने निकले थे।

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