सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022: स्मार्ट तैयारी के लिए स्टूडेंट्स जानें उपयोगी टिप्स...
TIPS For CSAT Examination भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 5 जून 2022 को प्रस्तावित है। प्रारंभिक परीक्षा को पास करने के बाद ही उम्मीदवार मुख्य परीक्षा तथा फिर साक्षात्कार में शामिल होते हैं।

अभय प्रताप। प्रारंभिक परीक्षा की बात करें तो इसमें दो पेपर होते हैं एक सामान्य अध्ययन (जीएस) तथा दूसरा सीसैट (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड) का पेपर। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण सिर्फ सामान्य अध्ययन में मिले अंक के आधार पर होना होता है, जबकि सीसैट पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग प्रकृति का होता है। ध्यान देने की बात यह भी है कि दोनों पेपर में एक-तिहाई निगेटिव अंक भी लागू है। दूसरे पेपर (सीसैट) की बात करें तो यह छात्रों (खासकर मानविकी पृष्ट्भूमि के अभ्यर्थियों) के लिए प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बीच रुकावट बनता जा रहा है।
गौरतलब है कि सीसैट के प्रश्नपत्र में कुल 80 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न 2.5 अंकों का होता है। अतः सीसैट में क्वालीफाई करने हेतु 80 में से 27 प्रश्न सही करने होते हैं, जिसमें एक-तिहाई निगेटिव अंक का भी प्रविधान है। छात्र यदि सीसैट के लिए पर्याप्त समय और ध्यान दें तो वे इस पेपर को काफी सरलता से उत्तीर्ण कर सकते हैं । इसके लिए सबसे आवश्यक यह है कि इसके पाठ्यक्रम का आकलन कर एक रणनीति के तहत तैयारी करनी चाहिए। यदि सीसैट के पाठ्यक्रम की बात की जाये तो बोधगम्यता (कांप्रिहेंशन),संचार कौशल सहित अंतर्वैयक्तिक कौशल (कम्युनिकेशन और इंटरपर्सनल स्किल सहित), तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता (लाजिकल रीजनिंग और एनालिटिकल एबिलिटी), निर्णयन और समस्या समाधान (डिसीजन मार्किंग और प्राब्लम साल्विंग), सामान्य मानसिक योग्यता (जनरल मेंटल एबिलिटी), हाइस्कूल स्तर के आधारभूत संख्ययन (बेसिक न्यूमरेसी) एवं आंकड़ों के निर्वचन (एंटरप्रेटेशन) से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
कैसे बनाये रणनीति: यदि विगत छह वर्षों के प्रश्नपत्रों का आकलन करें तो हम पाते हैं की पाठ्यक्रम में शामिल गणित और सामान्य मानसिक योग्यता तथा तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता के प्रश्नों की संख्या औसतन 40-45 तक होती है। अतः अंकगणित तथा तार्किक कौशल के आधारभूत टापिक्स का अभ्यास कर इस खंड में अच्छी पकड़ बनाई जा सकती है। ‘गणित’ में कुछ अध्यायों से प्रायः ज़्यादा सवाल पूछे जाने की प्रवृत्ति रही है। उदाहरण के लिये-प्रायिकता (प्राबिबिलिटी) समय और कार्य, प्रतिशतता, लाभ और हानि, साधारण ब्याज एवं चक्रवृद्धि ब्याज, अनुपात, समय और दूरी , आंकड़ों के निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका आदि) आदि अध्यायों पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। वहीं ‘तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता’ की बात करें तो भाषिक तर्कशक्ति (वर्बल रीजनिंग) एवं विश्लेषणात्मक तर्कशक्ति (एनालिटिकल रीजनिंग) से ज़्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं।
उदाहरणस्वरूप-दिशा संबंधी परीक्षण, श्रृंखला, रक्त-संबंध, गणितीय संक्रियाएं, न्याय निगमन, कथन- निष्कर्ष, पूर्वधारणाएं आदि। अतः सीसैट पेपर पास करने के लिए कुल 27 प्रश्न यदि सही बनाने हैं तो यह काम गणित और तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता के खंड से कर सकते है। ऐसे में जरूरी है बाजार में मौजूद स्तरीय गणित और तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता (गणित : आरएस अग्रवाल एवं परफेक्ट वर्बल एवं नान वर्बल रीज़निंग) की पुस्तकों को लेकर प्रतिदिन 15 से 20 प्रश्नों को हल करें। दूसरे पेपर यानी सीसैट में सामान्यतः ‘बोधगम्यता’ से सम्बंधित 27-28 प्रश्न पूछे जाते रहे हैं। द्विभाषिक बोधगम्यता के प्रश्नों की प्रकृति देखें तो अन्य खंडों की अपेक्षा इसके प्रश्न हल करने में ज्यादा समय लगता है। इसके अलावा, इन अनुच्छेदों का मूल पाठ अंग्रेज़ी में होता है जिसका अनुवाद हिंदी में किया जाता है जिससे हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को अनुवाद संबंधी समस्याएं भी झेलनी पड़ती हैं। वर्ष 2015-2020 के प्रश्नपत्र में एक प्रवृत्ति यह भी देखी गई कि सामान्यतः 100-150 शब्दों वाले अनुच्छेदों से केवल एक-एक प्रश्न पूछा गया तथा 200-300 शब्दों वाले अनुच्छेद से 3-4 प्रश्न। अतः कुल मिलकर देखें तो आपको 27-28 प्रश्नों को हल करने हेतु 14-15 अनुच्छेद पढ़ने होते हैं जो काफी समय ले लेता है। अतः छात्रों को समय का आकलन करते हुए ‘बोधगम्यता’ से सम्बंधित प्रश्न को हल करने चाहिए। इस खंड के प्रश्नों को हल करने हेतु सबसे आवश्यक है प्रतिदिन एक अनुच्छेद पढ़ें और हल करें तथा साथ ही प्रतिदिन अखबारों को पढ़ने की आदत डालें। वहीं परीक्षा भवन में इस खंड के प्रश्न हल करते समय समय यदि कोई अनुच्छेद काफी जटिल लगे तो उसे छोड़ते हुए आगे के प्रश्न को हल करने चाहिए ताकि समय रहते अन्य खंडों के प्रश्न भी हल किये जा सकें।
इस पर दें विशेष ध्यान: जब से प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट के प्रश्नपत्र को क्वालिफाइंग किया गया है, बहुत से छात्रों ने सीसैट की पढ़ाई काफी काम कर दी है और अपनी सारी ऊर्जा सामान्य अध्ययन की तैयारी में झोंक दी है जो कि एक गलत रणनीति है। -सामान्य अध्ययन के साथ साथ सीसैट पर भी प्रतिदिन एक निश्चित समय देने की आवश्यकता है। -इसके लिए सबसे आवश्यक है कि किसी भी स्तरीय कोचिंग के प्रैक्टिस सेट को हल करें (सप्ताह में कम से कम दो)। -गणित और रीजनिंग के खंड पर ज्यादा समय दें क्योंकि सिर्फ इसी खंड अच्छे से पढ़कर आप सीसैट पेपर क्वालीफाई कर सकते हैं। लेकिन इसी को स्थायी रणनीति बनाकर नहीं चलना चाहिए। जरूरी है कि सभी खंडों के प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें। -निगेटिव अंक का प्रविधान होने के कारण छात्र तुक्का यानी अनुमान पद्धति से बचते हुए सभी प्रश्नों को सावधानीपूर्वक हल करें।
प्रैक्टिस सेट में आपकी रणनीति वही होनी चाहिए जो परीक्षा भवन में होगी इसलिए सबसे पहले छात्र छोटे अनुच्छेद और सरल सवालों को हल करें। जो प्रश्न नहीं आते हैं, वहां रुके बिना अगले सवाल पर जाएं, जिससे कि आप सभी प्रश्नों पर समय दे सकें। कुल मिलकर यदि देखें तो सीसैट के पेपर को एक उचित रणनीति से उत्तीर्ण किया जा सकता है। यह पेपर छात्रों के बीच खासकर मानविकी पृष्ट्भूमि वाले छात्रों के बीच एक चुनौती बना हुआ है। इसको लेकर अपने मन का डर दूर करें। अतः प्रतिदिन आप 15-20 प्रश्नों को हल करना प्रारम्भ कर दें, जिसकी शुरुआत पिछले साल के प्रश्नपत्र को हल करने के साथ कर सकते हैं।
[एजुकेटर अनएकेडमी]
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